पशुपालक ज्ञान संवर्धन तकनीकी सेमिनार के साथ हुआ पशु मेले का समापन पशुपालन के क्षेत्र में राजस्थान बना आदर्श राज्य : डॉ. नवीन मिश्रा

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ.  नवीन  मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के उत्थान के लिए  कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि पशुपालन में अब  स्टार्ट-अप के रूप में राज्य उभर कर सामने आ रहा है, इस वजह से राज्य की  अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान हो  गया है उन्होंने कहा कि  पशुपालन के क्षेत्र में आ रही सभी समस्याओं के लिए विभाग के अधिकारी उप केंद्र स्तर से लेकर  निदेशालय स्तर तक सदैव तैयार है , जिसका लाभ पशुपालकों को लेना  चाहिए। डॉ. मिश्रा भरतपुर स्थित श्री जसवंत प्रदर्शनी  मैदान में पांच दिवसीय  पशु मेले के समापन पर राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत आयोजित  पशुपालाक ज्ञान संवर्धन तकनीकी सेमिनार में पशुपालकों को सम्बोधित कर रहे थे ।  इस मौके पर उन्होंने  कहा कि राज्य सरकार ने पशुपालकों को बेहतर  पशुपालन के अवसर उपलब्ध करवाने एवं  पशुपालन के क्षेत्र में  रोजगार के साधन  विकसित करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं  बनाई है ।


आज राजस्थान  पशुपालन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी विशेष  पहचान स्थापित करने में कामयाब हुआ है, इस  मौके पर उन्होंने भ्रूण  प्रत्यारोपण तकनीक को उन्नत पशुपालन में  क्रन्तिकारी कदम बताते  हुए कहा कि नस्लीय  सुधार के लिए राज्य में किये जा रहे नवाचारों से निश्चित तौर पर उन्नत  पशुधन के साथ  पशुपालकों की आय में  बढ़ोतरी हो  सकेगी। उन्होंने कहा कि सेक्स सॉर्टेड सीमन जैसी  तकनीक की वजह से  आज पशुपालक  ज्यादातर मादा पशु पैदा होने से नर पशु के भरण पोषण के खर्च से  मुक्त हो रहा है । वही सरकार द्वारा नन्दीशालायें खोलने से नर  गौवंश को आश्रयस्थल के साथ पोषित भोजन की व्यवस्था संभव हुई है। इस मौके पर मौजूद संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. योगेश कुमार शर्मा ने पशुपालकों को एफपीओ का महत्व तथा इसकी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए बताया कि एफपीओ बेहतर पशुपालन  की दिशा में नित नए नवाचार कर कार्य कर रहे है. इसी लिए पशुपालकों को एफपीओ का लाभ लेना चाहिए। इसी के साथ मौके पर मौजूद  श्री ओमप्रकाश भारती ने “राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से पशुपालकों का उधमिता कौशल विकास” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि पशुपालन के क्षेत्र को उद्योग के रूप में स्थापित कर रोजगार के साधन विकसित करने के साथ उन्नत पशुधन विकास पर भी बेहतर कार्य किया जा सकता है।

वही मौके पर मौजूद  पशु विज्ञान केंद्र कुम्हेर के  प्रतिनिधि डॉ. मुनेश कुमार  ने पशुपालकों को गाय व भैंस में बाँझपन निवारण के विभिन्न तरीकों से अवगत करवाया।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. राजेश वर्मा उपनिदेशक द्वारा पशुपालक चर्चा का आयोजन किया गया. इस चर्चा में मुख्यतया राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में आ रही समस्याओं एवं पशुपालन के क्षेत्र में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी साथ ही पशुपालकों को बेहतर एवं उन्नत पशुपालन के लिए नस्लीय सुधार एवं गुणवत्तापूर्ण पशुधन उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

उल्लेखनीय है कि भरतपुर में 21 मार्च से 25 मार्च तक राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत  जसवंत प्रदर्शनी  स्थल पर राज्य स्तरीय पशु मेला का आयोजन किया गया था. जिसके तहत ऊँट,भैंस, भेड़ बकरी की प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गयी थी ।  उक्त मेले में राज्य भर से पशुपालकों ने अपने उन्नत नस्ल के पशुओं के साथ भाग लिया |प्रतियोगिता में  चूरू से  पहुंचा मुर्रा नस्ल की नर भैंसा मुख्य आकर्षण  का केंद्र रहा।
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर अतिरिक्त निदेशक डॉ. नागेश ने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं पशुपालकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।