विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। पशु विज्ञान केंद्र कुम्हेर द्वारा बुधवार को गांव रीठौठी में पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया।
शिविर में डॉ. मुनेश कुमार पुष्प ने पशुपालकों को बताया कि ट्रिपनोसोमिएसिस (सर्रा रोग) और थेलेरिओसिस पशुओं के घातक रोग है जिनका फैलाव चिचड़ी, किलनी, काटने वाली मक्खी आदि के द्वारा होता है। सर्रा रोग में तेज बुखार, सिर को दीवार या जमीन पर मारना, गोलाई में चक्कर लगाना, मुंह से लार टपकना, कांपना, पेशाब बार-बार करना, खाना-पीना छोड़ देना आदि लक्षण दिखाई देते है जबकि थेलेरिओसिस रोग में तेज फीवर (104 -1070) के साथ सुपरफिसियल लिम्फ ग्लेण्ड में सूजन, आंखों में सूजन, लार गिरना, सांस में तकलीफ आदि लक्षण पाए जाते हैं। उन्होंने इन रोगों के नियंत्रण, निदान, उपचार, तथा प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में 16 पशुपालकों ने भाग लिया।