बिन्नाणी हॉस्पिटल एवं आईवीएफ सेण्टर बीकानेर : जहां निःसंतान कपल्स के सपने बदलते है हकीकत में

विनय एक्सप्रेस स्वास्थ्य समाचार, बीकोनर। आजकल कई कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं और ऐसे कपल्स के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट किसी वरदान से कम नहीं है। जब कोई महिला नैचुरली कंसीव नहीं कर पाती है तो इस स्थिति में आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से उन्हें गर्भधारण करवाया जाता है।

आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने की सोच रहे कपल्स के मन में यह सवाल भी रहता है कि आईवीएफ में कितना खर्च आता है ? आपको बता दें कि बीकानेर शहर में नागणेचीजी मंदीर के सामने वाली रोड़ पर मरूधर नगर स्थित बिन्नानणी हॉस्पिटल एवं आईवीएफ सेण्टर पर बाकी शहरों की तुलना में आईवीएफ तकनीक का उपचार थोड़ा किफायती है। इस आईवीएफ सेण्टर में 45 दिन तक चलने वाले आईवीएफ उपचार का खर्च 1.1 लाख रूपये तक पहुंचता है।

डॉ. स्वाती बिन्नाणी द्वारा आईवीएफ पद्धति से उपचार प्राप्त कर दंपति को मिला पितृत्व सुख

उल्लेखनीय है कि, आईवीएफ सेण्टर की निदेशक डॉ स्वाती बिन्नाणी ने अपने सेण्टर में अभी तक कुल 15-21 कपल का आईवीएफ तकनीक से उपचार करके उनके सपने को हकीकत में बदल दिया है। साथ ही 30 से 35 विवाहीत कपल का आईवीएफ पद्धति से उपचार बिन्नाणी हॉस्पिटल एवं आईवीएफ सेण्टर में प्रक्रियाधीन है। बीकानेर जैसे शहर में कम कीमत पर आईवीएफ का सफल उपचार प्राप्त करना बड़ी बात है, ऐसे में बीकानेर के निःसंतान दम्पतियों को आईवीएफ उपचार हेतु बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहती साथ ही बाहर से जो एजेन्सीज बीकानेर में अपनी शाखा संचालित कर मंहगा उपचार दे रहे है उससे भी राहत प्राप्त होती है। डॉ बिन्नाणी के संतुष्ट ग्राहक उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते है।

बिन्नाणी हॉस्पिटल एवं आईवीएफ सेण्टर की निदेशक तथा आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ स्वाती बिन्नाणी बतातें है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट एक प्रकार का असिस्टिव रिप्रोडक्टिव टेक्नोलोजी है। इसमें महिला की ओवरी से एग निकाल की उसे लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है। इस फर्टिलाइज एग को एम्ब्रियो कहा जाता है। इस एग के मैच्योर होने के बाद, इसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। आईवीएफ ट्रीटमेंट के सक्सेस रेट की बात करें तो अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार आईवीएफ लेने वाली 35 साल से कम उम्र की 41 से 43 फीसदी महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया। 40 की उम्र के बाद इस रेट में गिरावट आ जाती है और इस उम्र में सक्सेस रेट सिर्फ 13 से 18 पर्सेंट रह जाता है।

कब करवाई जाती है आईवीएफ

यदि महिला नैचुरली तरीके से कंसीव नहीं कर पा रही है तो इस स्थिति में आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद ली जाती है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी कम होने, फैलोपियन ट्यूब के बंद या क्षतिग्रस्त होने, ओवरी के ठीक तरह से काम न कर पाने, एंडोमेट्रियोसिस, यूट्राइन फाइब्रॉइड्स, पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने या इनफर्टिलिटी की वजह समझ ना आने की स्थिति में आईवीएफ की मदद ली जाती है।

आईवीएफ से जुड़े उपचार एवं विस्तृत जानाकरी प्राप्त करने के लिए निःसंतान दंपति नागणेचीजी मंदिर के सामने वाली रोड पर रेलवे क्रासिंग एवं खत्री मोदि भवन से पहले तथा हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान के सामने स्थित बिन्नाणी हॉस्पिटल एवं आईवीएफ सेंटर पर सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. स्वाती बिन्नाणी से अपॉइण्टमेंट ले सकते है।