अंधविश्वास को तोड़ने वाले महान संत थे कबीर-कामिनी भोजक मैया: कबीर जयंती पर कल्याण फाउण्डेशन ने वितरित किया ओआरएस ज्यूस

कबीरदास जयंती पर कल्याण फाउन्डेशन ऑफ इंडिया ने आमजन में बांटे ओ.आर.एस. का ज्यूस, वर्चुअल काव्य गोष्ठी आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। आषाढ़ मास की शुक्ला पूर्णिमा के दिन महान कवि संत कबीरदास का जन्म हुआ आज का दिन कबीरदास जयंती के दिन है और इस पावन पर्व पर कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने संत कबीरदास जी के तेल चित्र के आगे दीप प्रज्वलित कर वर्चुअल काव्य गोष्ठी का आयोजन किया साथ ही जयनारायण व्यास कॉलोनी, सादुल कॉलोनी, लाली बाई पार्क के आगे कोरोना संक्रमण और बदलते मौसम के लिहाज से आमजन को फायदा हो उसके लिए ओ.आर.एस का ज्यूस पिलाया


विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक कामिनी भोजक मैया ने कहा कि मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के बाद भी संत कबीरदास ने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की अवधारणा को मानते हुए सर्व धर्म समभावकी नीति को अपनायाद्य कबीरदास भारतीय संस्कृति में अंधविश्वास और अंधश्रद्धा को तोड़ने वाले पहले संत हुए इस कारण उन्हें विद्रोही संत भी कहा गया लेकिन उसकी परवाह ना करते हुए वे भारतीय जनमानस में समाज कल्याण के लिए जाने गए


वरिष्ठ समाजसेवी सत्यदेव शर्मा ने कहा कि संत कबीरदास जी का हिंदी साहित्य में बड़ा योगदान है उनके लिखे काव्यों में सजीवता झलकती थी इनका नाम भारतीय जनमानस में हर समय पूजनीय रहेगा
सचिव आर.के.शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के सुन्दर, अद्धभुत, और श्रेष्ठ महाकाव्यों के रचियता के रूप में संत कबीरदास पूजनीय थे और रहेंगे


माँ फार्मा के निदेशक जैनेंद्र शर्मा ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि संत कबीरदास का जीवन आज के समय मे ज्यादा प्रासंगिक है जब हम जातीय बंधनो में उलझते हुए मानवीय मूल्यों को खो रहे है कबीर दास जी की जीवनी आज सभी को पढ़नी आवश्यक है
विचार गोष्ठी में नवनियुक्त पार्षद नितिन वत्सस, जितेंद भोजक,नरेश गुरेजा, दुर्गादत्त भोजक, खुश, मनीष भार्गव, बिंदु सरोलिया, सरोज शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कबीरदास जी को शब्दाजंलि अर्पित की