जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बीकानेर द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवम् राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। जिसमें जिला मुख्यालय, बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा/श्रीडूंगरगढ/कोलायत/लूणकरणसर/खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया।न्यायाधीश मदनलाल भाटी जिला एवम् सेशन न्यायाधीश बीकानेर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में से कुल 10079 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये। जिनमें 1475 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से निस्तारण हुआ तथा 101811049 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसके अलावा प्रि-लिटीगेशन के 8076 प्रकरण रखे गये जिनमें से 203 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत की भावना से होकर उनमें से 29753165 राशि का अवार्ड पारित किया गया। आज राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन के दौरान अपर जिला एवम् सेशन न्यायाधीश संख्या 01, बीकानेर सुश्री मीनाक्षी जैन द्वारा 13 वर्ष पुराने विभाजन के मामले का पक्षकारान के मध्य आपसी सहमति से राजीनामा किया गया। लोक अदालत के दौरान दोनों पक्षों के मध्य समझाईश करवाकर इस 13 वर्ष पुराने प्रकरण का निस्तारण कर पक्षकारों के मध्य सौहार्द कायम किया गया। दोनों पक्षों के अधिवक्तागण द्वारा भी लोक अदालत बैंच का इस प्रकरण के आपसी समझाईश से निस्तारण में सहयोग किया गया।

मनोज कुमार गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बीकानेर ने लोक अदालत बैंचों के सभी सदस्यों, अधिवक्तागण, समस्त बैंकों के मैंनेजर/अधिकारीगण, पक्षकारों, कर्मचारीगण का इस लोक अदालत के आयोजन में सकारात्मक भूमिका अदा करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया एवम अपील की कि भविष्य में भी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में समाज का प्रत्येक वर्ग सकारात्मक योगदान देवें।