विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। आचार्य श्री तुलसी एक विलक्षण आचार्य, एक विलक्षण संत व योगी थे. वे अनेक विलक्षण विशेषताओं के धनी थे. उनका आभामंडल तेज व ओजस्वी वाणी विकास का मार्ग प्रशस्त करती थी. गुरुदेव तुलसी के अवदान केवल तेरापंथ धर्मसंघ या जैन धर्म के लिए ही नहीँ वरन पूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है. वे खुली आँखों से स्वप्न देखकर उन्हें यथार्थ में परिणत करने वाले महान आचार्य थे. ये उद्गार सेवा केन्द्र व्यस्थापिका साध्वी श्री पावनप्रभा जी ने आज शांति निकेतन में आयोजित 28वें विकास महोत्सव के अवसर पर व्यक्त किये। साध्वी श्री दीपमालाजी ने गुरुदेव तुलसी के अवदानों के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने नारी शिक्षा, अणुव्रत, समण श्रेणी, आगम संपादन, साहित्य सृजन आदि अनेक अवदान दिए. उनके द्वारा आचार्य पद का विसर्जन इतिहास की एक विरल घटना है. आचार्य श्री महाप्रज्ञजी द्वारा उनके पदाभिषेक दिवस अर्थात पटटोत्सव को विकास महोत्सव के रूप में मानना प्रारम्भ किया गया. साध्वियों द्वारा सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की गई.
कार्यक्रम का शुभारम्भ अणुव्रत समिति के मनोज छाजेड द्वारा मंगलाचरण से किया गया. तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमर चन्द सोनी, महिला मंडल अध्यक्षा ममता रांका, युवक परिषद् के सहमंत्री भरत गोलछा, किशोर मंडल संयोजक कुलदीप छाजेड, कन्या मंडल संयोजिका योगिता भूरा व सह संयोजिका लेखा मालू ने इस अवसर पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी, कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री रतन लाल छलाणी ने किया।