विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। मंत्र विविध शक्तियों का खजाना है मनोयोगपूर्वक जाप करने से वे सारी शक्तियां जपकर्ता में धीरे-धीरे प्रगट होने लगती हैं । मंत्र-जप के मुख्य लाभ दुर्बल मन को सबल बनाना ,रोगी मन को स्वस्थ करना ,तैजस् शरीर को सक्रिय एवं आभामंडल का शोधन व चित्त की अन्तर्मुखता को बढ़ाकर विराट शक्तियों का नियोजन और दुष्ट शक्तियों का निग्रह करना पर्युषण पर्व के छ्ठे दिन तेरापंथ भवन में साध्वी पान कुमारी ने प्रवचन देते हुए कहा । साध्वी मंगल यशा ने कहा की मंत्र और साधक का सूक्ष्म शरीर जब तक एक रूप नहीं हो जाता तब तक न साधक सफल होता है और न ही मंत्र ।
साध्वी जीत यशा ने कहा कि मंत्र कितना शक्तिशाली–प्राणवान है उससे कहीं अधिक है मंत्र साधक की प्राण–ऊर्जा कितनी प्रबल है । जब तक मंत्र जीवन से नहीं जुड़ता तब तक वह जीवन्त मंत्र नहीं बनता है । नमस्कार महामंत्र आकर में छोटा होता है परन्तु उपलब्धियों का खजाना है ।
मंत्र ध्वनि ही एक ऐसा साधन है जो जगत से बंधे मन को काटकर बंधन-मुक्त कर सकता है । वैज्ञानिको के अनुसार सुक्ष्मध्वनि तीव्र छेदन करती है ।