श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा : संथारा साधिका पुष्पादेवी मालू की स्मृति सभा आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। तेरापंथ धर्मसंघ की सुश्राविका  श्रीमती पुष्पादेवी मालू (धर्मपत्नी श्री जयचंदलाल जी मालू -निवासी गंगाशहर   प्रवासी सिकंदराबाद) का  संथारा संलेखना में पंडित मरण को प्राप्त हो जाने पर आज शांतिनिकेतन सेवा केन्द्र में स्मृति सभा का आयोजन तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा किया गया।  सभा को सम्बोधित करते हुए साध्वी पावनप्रभा जी ने कहा कि खिलना – मुरझाना , उदय -अस्त , जीवन – मरण सब प्रकृति जन्य तथा अवश्यम्भावी है। जीवन में त्याग,तपस्या , संयम करके व्यक्ति कई जन्मो के लिए पुण्य कर्मों  का संचय कर लेता है।उन्होंने कहा कि संयम धारण करके जो व्यक्ति सिंह वृति के साथ मृत्यु को आत्मसात करता है उसका मरण भी उत्सव बन जाता है।पुष्पा देवी मालू ने अर्थ का मोह , परिवार का मोह व शरीर का भी मोह त्याग कर संथारा से मृत्यु का वरकरके तेरापंथ धर्म संघ व गंगाशहर का गौरव बढ़ाया है।

गंगाशहर निवासी पुष्पा देवी मालू पत्नी जयचंद लाल मालू का  संथारा 20 दिनों तक चला। पुष्पा देवी ने शारीरिक अस्वस्थता की वजह से  जैन परंपरा के अनुसार संथारा प्रत्याख्यान कर लिया था। संथारा प्रत्याख्यान आचार्य श्री महाश्रमण की आज्ञा से साध्वी श्री मधुस्मिता ने करवाया।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमर चन्द सोनी , तेरापंथ महिला मंडल से संजू लालाणी , तेरापंथ युवक परिषद् से अरुण नाहटा, परिवार की तरफ से  श्रीमती हेमा मालू व प्राची मालू ने भी भावांजलि देते हुए उनकी आत्मा की आध्यात्मिक उन्नति की मंगल कामना की।
मूल रूप से पुरानी लाइन बाबा रामदेव रोड़, गंगाशहर निवासी 70 वर्षीय पुष्पा देवी पत्नी जयचन्द लाल पुत्रवधू तोलाराम मालू वर्तमान में सिकंदराबाद (हैदराबाद) निवास कर रहीं थीं। पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थीं। पुष्पा देवी के संथारा काल के दौरान पति जयचंद लाल मालू, पुत्र पंकज मालू, पुत्रियां कनक व चांद व पुत्रवधू सहित समस्त परिवार व समाज ने व्याख्यान श्रवण, सामायिक, जप व  तप से धर्माराधना का क्रम चलाया था।