डेयरी व्यवसाय से पशुपालक आत्मनिर्भर बने : प्रो. (डॉ.) धूड़िया
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर : रिपोर्टर : भैराराम तर्ड। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के पशु विज्ञान केंद्र, लूणकरनसर द्वारा आत्मा योजना के अंतर्गत डेयरी प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन दिनांक 25 व 26 नवम्बर 2021 को पशु विज्ञान केंद्र, लूणकरनसर में किया गया। प्रशिक्षण शिविर को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से संबोधित करते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा राजुवास प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार धूड़िया ने आए हुए सभी पशुपालकों को वैज्ञानिक तरीके से डेयरी व्यवसाय एवं उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर स्वच्छ दूध उत्पादन के महत्व को बताते हुए प्रो. धूड़िया ने अधिशेष दूध का प्रसंस्करण कर ऑनलाइन माध्यम एवं नवीनतम स्त्रोतों द्वारा बाजारीकरण करने हेतु प्रोत्साहित किया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. अमित कुमार ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए डेयरी व्यवसाय में संभावनाएं, महत्व एवं चुनौतियों पर प्रकाश डाला। आमंत्रित विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. भगवंत सिंह ने कृषि एवं पशुपालन में कार्बनिक खाद के महत्व तथा दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पादो पर व्याख्यान दिया।
केंद्र के डॉ भानु प्रकाश ने पशु प्रजनन, बांझपन निवारण, आवास एवं पोषण प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। डॉ. प्रमोद मोहता ने डेयरी पशुओं की विभिन्न उपयोगी नस्लों, स्वास्थ्य प्रबंधन एवं प्रमुख संक्रामक रोगों के लक्षण, टीकाकरण एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सभी प्रतिभागियों को केंद्र में स्थापित अजोला इकाई एवं नेपियर घास की इकाई का भी भ्रमण करवाया गया। प्रशिक्षण शिविर के अंत में एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें गोमती देवी, नबी शेर एवं रमेश क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। सभी विजेता पशुपालकों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में 30 पशुपालक लाभान्वित हुए जिन्हें कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण प्राप्ति के प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।