कवि कमल किशोर पारीक के काव्य संग्रह “खिलती कलियां“ का लोकार्पण

पारीक की कविताएं आत्मीयता से ओत-प्रोत – राजेन्द्र जोशी

विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर| शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में सुदर्शना कुमारी कला दीर्घा में कवि कमलकिशोर पारीक के काव्य संग्रह “खिलती कलियां” का लोकार्पण किया गया | कार्यक्रम में पुस्तक की साहित्यिक मीमांसा करते हुए नगर की साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पारीक का सम्मान किया गया |कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि लोकार्पित पुस्तक में आत्मीयता से ओतप्रोत कविताएँ मानव मन को प्रभावित करती है | उन्होंने कहा कि पारीक की रचनाओं में मानवीय संवेदना और प्रेम हिलोरें लेता है | कार्यक्रम के अध्यक्ष व्यंगकार डॉ. अजय जोशी ने कहा पुस्तक की कविताएँ आम आदमी की आवाज़ है | उन्होंने कहा कि आम अवाम तक अपनी बात पहुँचाने के लिए आम आदमी की भाषा का प्रयोग करना होगा | विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ लेखक समीक्षक अशफ़ाक कादरी ने कहा कि पारीक कि कविताएं मानवीय हृदय के स्पंदन से ओतप्रोत है | उन्होंने कहा कि पारीक की कविताओं में हमारी संस्कृति और समाज के प्रति अनुराग है | कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि प्रेरणा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रेम नारायण व्यास ने कहा कि पुस्तक में 70 कविताओं में जीवन के विभिन्न पक्षों से साक्षात्कार होता है | उन्होंने कहा कि पुस्तक कि रचनाएँ पाठकों को सीधे प्रभावित करती है | कार्यक्रम में कवयित्री डॉ.कृष्णा आचार्य ने लोकार्पित पुस्तक के सम्बन्ध में पत्रवाचन करते हुए कहा कि पुस्तक की कविताएँ मानव स्वभाव और मानवीय मूल्यों की पहचान कराती है उन्होंने कहा कि पुस्तक कि रचनाएँ जीवन के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालती है | शायर डॉ.नासिर जैदी ने पाठकीय टीप में कहा कि पुस्तक की रचनाएँ मानव हृदय से निकली कविताएँ है |कार्यक्रम में संस्थान के सचिव कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने पुस्तक की प्रकाशन प्रक्रिया एवं कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का स्वागत किया | कवयित्री ज्योति वधवा “रंजना” ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | पुस्तक के रचयिता कमलकिशोर पारीक ने अपने रचनाकर्म को साझा करते हुए रचना “मां”. “मेरे काका” हाइकू आदि चुनिन्दा कविताएँ प्रस्तुत की- “ये जिंदगी एक हकीकत है कडवी कुनेन की गोली की तरह” | कार्यक्रम में साहित्यानुरागी श्रीमती सुमन पारीक ने पुस्तक की रचनाओं का सस्वर पाठ किया | कार्यक्रम में शिक्षाविद डॉ.शुक्लाबाला पुरोहित, एम.एल.जांगिड, दिल्ली पब्लिक स्कूल की निदेशक स्वाति पारीक, बेंगलोर के इंजी प्रशांत पारीक, ऋचा पारीक, मंजु पारीक ने पुस्तक पर विचार रखे | कार्यक्रम में शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान, नवकिरण सृजन मंच’ और राष्ट्रीय कवि मंच द्वारा कवि एवं लेखक कमलकिशोर पारीक का माल्यार्पण, शाल. श्रीफल, सम्मान पट, स्मृति चिन्ह अर्पित कर सम्मानित किया |कार्यक्रम में सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा, कवि चंद्रशेखर जोशी, वरिष्ठ रंगकर्मी बी. एल. नवीन, कवि गिरिराज पारीक, श्रीगोपाल स्वर्णकार, आर.के.शर्मा, पत्रकार रमेश महर्षि, शिवशंकर शर्मा, विप्लव व्यास. अशोक शर्मा, लक्ष्मीकांत पांडिया, शमीम अहमद, धरमदास गौरी, हरिकृष्ण मुंजाल, पुरुषोत्तमकुमार जोशी. श्रीलाल ओझा, हनुमंत गौड़, संपत भाटी, गोपालकृष्ण अग्रवाल, अविनाश गोयल, वैभव गोयल, इंद्रप्रकाश सैनी पुस्तक लोकार्पण के साक्षी बने | सितारवादक डॉ.असित गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ.नासिर जैदी ने किया |