गोस्वामी बिट्ठल नाथजी के 507 वें प्राकट्मय महोत्सव दाऊजी मंदिर व रतन बिहारी मंदिर में जलेबी मनोरथ और शोभायात्रा आज

विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। कामवन के पंचम पीठाधीश्वर जगद्गुरु गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज की निश्रा में पीठ के बीकानेर के आचार्यश्री बिट््ठलनाथ बाबाजी (ब्रजांग बाबा) के नेतृृत्व में मंगलवार को गोस्वामी बिट््ठल नाथजी के 507 वें प्राकट््य महोत्सव पर दाऊजी व श्रीराज रतन बिहारीजी मंदिर में तिलक आरती, जलेबी मनोरथ होगा तथा शोभायात्रा निकलेगी।वल्लभाचार्यजी के 19 वें वंशज आचार्यश्री बिट््ठनाथ (ब्रजांग बाबाजी) ने बताया कि बीकानेर में दो मंदिरों में पहली बार होने वाले जलेबी मनोरथ व शोभायात्रा को अंतिम रूप् दे दिया गया है। दो दिनों से काजू, बादाम, केसर, पिस्ता, गुलाबजल आदि विविध प्रकार की जलेबियों को बनाने का कार्य वैष्णव परम्परानुसार चल रहा है। मनोरथ के दौरान दोनों मंदिरों में 108-108 छाब (बांस की खपचियों से बनी छबड़ी)में ठाकुरजी के भोग लगाया जाएगा। मंदिरों में ठाकुरजी के तिलक आरती व विशेष श्रृंगार किया जाएगा।उन्होंने बताया कि पुष्टिमार्ग के प्रणेता जगद््गुरु महाप्रभु वल्लभाचार्यजी के द्वितीय पुत्र गोस्वामी बिट््ठल नाथजी का प्राकट््य पौष कृृष्ण नवमी संवत््1572 को हुआ था। उन्होंने 15ने पांच शताब्दी पूर्व राज, भोग व श्रृंगार की परम्परा को शुरू किया जो वर्तमान समय में भी देश के सभी वैष्णव मंदिरों में निर्बाद्ध रूप् से चल रही है। आचार्यश्री बिट्ठलनाथजी ने ही मंदिर में होने वाले हवेली भक्ति संगीत में राग आसावरी, धनाश्री, सारंग, सोरठ आदि को शामिल किया तथा छप्पन भोग,अन्नकूट व विविध प्रकार के मनोरथों व ठाकुरजी के नौ रत्नों माणक, मोती,हीरा, पन्ना, पुखराज,फिरोजा, मीना, मूंगा व नीलम और विभिन्न दिनों में मौसम व पर्व के अनुसार श्रृृंगार शुरू किया ।
ृ आचार्यश्री बिट््ठनाथ (ब्रजांग बाबाजी) ने बताया कि दाऊजी मंदिर में सुबह साढ़े दस बजे व राज रतन बिहारी मंदिर में शाम छह बजे से शाम सात बजे तक तिलक आरती व उसके बाद जलेबी मनोरथ का आयोजन होगा। रतन बिहारी मंदिर व दाऊजी मंदिर में विशेष रोशनी से सजावट की गई है।शोभायात्रा-दाऊजी मंदिर ट्रस्ट के मुख्तयारखास व मुख्य अधिकारी ब्रजभूषण गोस्वामी, श्री राज रतनबिहारी मंदिर के चिरंजी लाल पारीक ने बताया कि शोभायात्रा अपरान्ह तीन बजे आसानियों के चैक के गोवर्धन नाथजी के मंदिर से रवाना होकर तेलीवाड़ा के बिट्््ठलनाथजी, दाऊजी मंदिर होते हुए श्री राज रतन बिहारी मंदिर पहुंचेगी। शोभायात्रा मंें कामवन पीठ के बीकानेर के आचार्यश्री ब्रजांग बाबा परम्परानुसार डंका, शंख,निशान, छड़ी, चंवर मोरछाल के साथ शामिल होंगे। चारों मंदिरों (गोवर्धन नाथजी, बिट्ठल नाथजी, दाऊजी व श्री राज रतन बिहारी मंदिर) में तिलक आरती व स्वागत होगा। शोभायात्रा में रथ, बैंड पार्टी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। श्रद्धालुओं को करोना महामारी से बचने के लिए दोगज दूरी व मास्क जरूरी के नियम की पालना करने का आग्रह किया गया है।