विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। नालन्दा पब्लिक सी. सै. स्कूल में आज राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 2 का तृतीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन शाला प्राचार्य राजेश रंगा व विजय गोपाल पुरोहित ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर व छात्र/छात्राओं द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया।
छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए मोटीवेटर गुरू विजयगोपाल पुरोहित ने कहा कि हमें सजग और आत्म निर्भर बनना है यह तभी संभव है जब हम हर क्षेत्र में पारंगत हांगे। अपने उद्देश्य को तय करें अन्यथा हम सिर्फ किताबी कीडे़ ही बनकर रह जाएंगे। पढाई के साथ-साथ खेल-कूद भी उतना ही आवश्यक है। जितना सब्जी के साथ नमक का होना। हमें विडियोगेम या मोबाईल गेम में विजेता नहीं बनना है वरन् शारीरिक रूप से खेल खेलकर विजेता बनना होगा।
अगर हम सही खेल खेलेंगे तो उसमें अनुशासन दृढ निश्चय समय का पाबंद व जीत की भावना प्रबल होती है। तभी हम विजेता बन सकते है यह गुण हम सभी अपना लेते है तो हम पढाई में भी अव्वल रहकर समाज में अपनी सुनागरिक के रूप में पहचान बना सकते है। शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने छात्र/छात्राओं को महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि आज विश्व काफी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। आने वाला समय काफी कष्टदायक हो सकता है। विश्व तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा है। आज हमें रूस और युक्रेन में हो रही भयानक स्थिति से सीख लेनी चाहिए की अपने आप को श्रेष्ठ बताने के चक्कर में इतने निर्दोष सैनिक व आम नागरिक मारे जा रहे है। इस मौके पर इस युद्ध में दोनों देशों के शहिदों व मारे गए आम नागरिकों को के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रंद्धाजलि अर्पित की।
दूसरे सत्र में छात्र/छात्राओं ने अल्पाहार के पश्चात् इन्टरनेट व योग आज की महती आवश्यकता पर निबंध प्रतियोगिता का आयेजन किया गया व युद्ध व शांति विषय आधारित चित्रकला प्रतियोगिता का अयोजन किया गया।
तीसरे सत्र में छात्र/छात्राओं ने गंगा जुबिली गौशाला का भ्रमण किया। वहां गायों को गुड व चारा खिलाकर बीमार गायों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात् छात्र/छात्रओं ने भांडाशाह जैन मंदिर व लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण किया।
समापन सत्र में राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक व साहित्यकार कमल रंगा ने छात्र/छात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी के साथ-साथ अपनी मातृभाषा राजस्थानी भाषा के संवर्द्धन एवं विकास के लिए बच्चों को सदा प्रयासरत रहना चाहिए। विश्व के महान्तम शिक्षाविद्ों का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा यदि मातृभाषा में दी जाए तो बच्चे का मानसिक विकास बहुत अच्छी तरह से हो पाता है और अगर हमने ही हमारी मातृभाषा को बोलना बंद कर दिया तो यह भाषा विलुप्त हो जाएगी उन्होंने सरकार से भी आह्वान किया कि राज्य सरकार अगर इस राजस्थानी भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा दे तो हमारे लोगों को रोजगार भी मिल सकता है।
अत में छात्र/छात्राओं ने श्रमदान कर कैंप का समापन किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के शाला प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने किया और सभी का आभार लियाकत अली ने किया।