विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर के मूर्धन्य संगीतकार स्वर्गीय अमर चंद जी पुरोहित की पावन स्मृति में कला एवं संस्कृति मंत्रालय राजस्थान सरकार, विरासत संवर्धन संस्थान बीकानेर एवं कल्पना थिएटर संस्थान बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में प्रथम ‘‘अमर कला महोत्सव’’ का उद्घाटन आज दिनांक 05 मार्च को स्थानीय टी. एम. ऑडिटोरियम में संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री निर्मल शर्मा, पंडित पुंडरीक जोशी, साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधुआचार्य आशावादी एवं डॉ एस पी व्यास के सानिध्य में हुवा।
कार्यक्रम की शुरुआत में वर्चुअल रूप से जुड़े हुए कला एवं संस्कृति मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने अपने गुरुदेव अमरचंद जी को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई संगीत एवं गायन की शिक्षा के प्रति वे आज भी कृतज्ञ है। कला एवं संस्कृति किस प्रकार एक मनुष्य को आगे बढ़ने में सहायक साबित होती है उसका उन्होंने अपने आप को एक प्रत्यक्ष उदाहरण बताया।
अपने उद्बोधन में बोलते हुए नीरज के पवन संभागीय आयुक्त ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया कि अधिक निकटता के कारण अपने सांस्कृतिक मूल्यों से दूर होती जा रही है, इसलिए हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें फिर से अपनी उन जड़ों की ओर लेकर जाएं जिससे वे सनस्कारित हो सके एवं मानवीय मूल्यों की समझ उन्हें फिर से हो सके।
निर्मल शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे पुरखों द्वारा जो चीजें हमें विरासत में दी गई है उन्हें सहेज कर रखना एवं आगे बढ़ाना यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और आज इस कार्यक्रम में वही कुछ देखने को मिल रहा है।
मधु आचार्य आशावादी ने अपने संस्मरण याद करते हुए कहा कि मेरे जीवन में कला का अवतरणअमरचंद जी के सानिध्य में हुआ और उन्होंने संगीत के साथ साथ नाट्य कला को भी उतना ही महत्व दिया।
पुण्डरीक जोशी ने अमरचंद जी के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने विद्यार्थियों के लिए गर्मी के दिनों में पढ़ाई करने में तकलीफ ना हो इसलिए बांस की खपरैल तैयार की, और उस प्रक्रिया में उनकी पीठ पर फफोले भी हो गए मगर उसकी चिंता ना करते हुए भी उन्होंने उस कार्य को अनवरत जारी रखा। यह घटना इस ओर इशारा करती है कि उनके मन में अपने विद्यार्थियों के लिए कितनी चिंता थी तथा उनके प्रति वे कितने ज्यादा संवेदनशील थे ।
डॉ एस पी व्यास जी ने श्री अमरचंद जी को कला का सच्चा साधक बताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित नारायण रँगा द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। इसके पश्चात उन्होंने होली के फाल्गुनी बयार को ध्यान में रखते हुवे फाग सुनाया।
अगली कड़ी में बड़ौदा के पंडित दीपक क्षीरसागर द्वारा क्लासिकल गिटार की प्रस्तुति दी गई। उनके साथ संगत पर श्री चारुदत्त फड़के रहे। गिटार पर जब उन्होंने अपनी स्वर लहरियां बिखेरी तो सारा माहौल ही संगीतमय हो गया। दीपक क्षीरसागर ने सर्वप्रथम राग भीमपलासी प्रस्तुत किया। क्षीरसागर ने राग भीमपलासी में आलाप व जोड़ को सिलसिलेवार बढ़त से प्रस्तुत किया। तत्पश्चात उन्होंने धमार ताल में एक गत प्रस्तुत की जिसमें विभिन्न प्रकर की लयकारी और तिहाइयों का समावेश किया गया। राग भीमपलासी में दीपक ने मध्य लय और द्रुत लय में दो गतें भी प्रस्तुत की। दीपक की प्रस्तुति का समापन मशहूर गजल आज जाने की ज़िद ना करो से हुआ।
इसके बाद अहमदाबाद के भरत भाई रावल के द्वारा भवई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। भवई नृत्य करते-करते ही उन्होंने खेल ही खेल में साड़ी को मोर की आकृति देकर दर्शकों को दांतों तले अंगुली चबाने पर मजबूर कर दिया। भरत भाई के साथ ही उनके पुत्र आशीष ने भी इसी कड़ी में भवई नृत्य के दौरान ही मोर कबूतर एवं खरगोश बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
डांस इंडिया डांस फेम छोटे सलमान के द्वारा डांस प्रस्तुति दी गई। अहमदाबाद से पधारे सलीम नागोरी उर्फ छोटे सलमान ने फिल्मी गीत पर धमाकेदार प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जन समूह का मन मोह लिया। अपने छोटे कद को दुर्भाग्य ना मानकर उसे अपना हथियार बनाते हुए उन्होंने अपने आप को इस ऊर्जा से लबरेज किया है कि आज 54 वर्ष की आयु में भी वे अत्यंत ही ऊर्जा के साथ नृत्य करते हुए माहौल को बदल सकने की क्षमता रखते हैं।
कार्यक्रम का समापन होराइजन ग्रुप द्वारा उदय प्रकाश जी की कहानी “पाल गोमरा का स्कूटर” पर आधारित एकल नाटक “द ट्रेजडी ऑफ पॉल गोमरा” का मंचन प्रतीक सिंह के निर्देशन में अभिनेता उदय प्रकाश द्वारा किया गया।
फोटोग्राफी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन उदयपुर के श्री राकेश शर्मा “राजदीप” एवं जयपुर से पधारे हुए श्री अजय पारीख के निर्देशन में किया गया. इस प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने प्रतिभागियों को कैमरे से फोटो लेने से पहले किन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है, इसकी जानकारी दी साथ ही कैमरे के एंगल, लाइट एवं अन्य चीजों का किस तरह समावेश किया जा सकता है, की जानकारी दी। प्रतिभागियों ने बड़े ही जोश से इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर अजमेर से पधारे श्री निरंजन जी द्वारा मूर्ति कला प्रदर्शनी, अंतरराष्ट्रीय साफा एवं पगड़ी विशेषज्ञ कृष्ण चंद्र पुरोहित द्वारा पगड़ी एवं साफा प्रदर्शनी, गायत्री प्रकाशन द्वारा बुक स्टॉल का आयोजन भी किया गया.
इसी आर्ट गैलरी में वरिष्ठ चित्रकार डॉ मोना सरदार डूडी, श्रीमती हिमानी शर्मा , श्री मुकेश जोशी सांचीहर एवं श्रीबल्लभ पुरोहित के द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस प्रदर्शनी में उन्होंने अपने बनाए हुए चित्रों को अवलोकनार्थ रखा जिसे जनता ने खूब सराहा।
रविवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में वरिष्ठ साहित्यकार श्री मालचंद तिवारी एवं वरिष्ठ लेखिका श्रीमती मनीषा आर्य सोनी के सानिध्य में
“अपराध मनोविज्ञान एवं कला” विषय पर सेमिनार, पंडित पुखराज शर्मा के द्वारा सुर सरिता का आयोजन, नई दिल्ली के श्री रोहित पंवार द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति एवं अंत में नटसम्राट नई दिल्ली के द्वारा हास्य नाटक कमबख्त इश्क का मंचन किया जाएगा।
समारोह में उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों में वरिष्ठ रंगकर्मी श्री ओम सोनी, दयानंद शर्मा , विनोद भटनागर, शहर काजी हाफिज फरमान अली भुट्टो,
पार्षद पारस मारू, डॉक्टर कमल व्यास, सुशील मत्तड, कर्मचारी नेता रामकुमार व्यास, सरोद वादक अमित असित गोस्वामी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का संचालन लेखक हरीश बी शर्मा एवं कवित्री मोनिका गौड़ द्वारा किया गया।