मूल्य संवर्धन की ओर विशेष ध्यान दें स्वयं सहायता समूह मेघवाल
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने रविवार को जय नारायण व्यास कॉलोनी के ग्रामीण हाट में आयोजित किए जा रहे सात दिवसीय अमृता हाट मेले का अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उनके उत्पादों के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए मंच उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अमृता हाट का आयोजन किया जाता है।
मंत्री मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार लगातार ऐसे माहौल और अवसर पैदा कर रही है, जिससे आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकेगी। कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाएं उचित दर निर्धारित करके अपने उत्पाद बेच सकती है।
आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से यह बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमृता हाट के दौरान प्रदेशभर की महिलाओं ने हस्त निर्मित उत्पादों, बड़ी, पापड़, अचार, हैंड मेड बेग, क्रोसिए के सामान, खादी के उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन के सामान, सूखी सब्जियां, नमकीन, ज्वेलरी आदि प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखे हैं। इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कृत संकल्प है तथा सरकार द्वारा महिला कल्याण से संबंधित अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। अमृता हाट दौरान इन योजनाओं की जानकारी महिलाओं को दी जाए, जिससे पात्र महिलाएं इनका लाभ ले सकें। साथ ही प्रतिदिन होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अलग-अलग क्षेत्रों के कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया, जिससे एक दूसरे की संस्कृति को जानने का अवसर मिले। उन्होंने यहां लगाए गए सभी स्टॉल्स का निरीक्षण किया और महिलाओं द्वारा रखे गए उत्पादों की जानकारी ली। साथ ही इन्हें बनाने के तरीके और विपणन की संभावनाओं के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पैकेजिंग और मूल्य संवर्धन की अपार संभावनाएं हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा इस ओर भी ध्यान दिया जाए।
उन्होंने स्टॉल के निरीक्षण के दौरान संबंधित संस्थान की महिलाओं से उनके द्वारा तैयार उत्पाद की लागत व उसके विपणन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं द्वारा तैयार हस्तशिल्प उत्पाद, खादी के कपड़े, नमकीन, सूखी सब्जिया, ज्वेलरी बनाने की कला के बारे में भी जानकारी ली। खाजूवाला व पूगल के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की और पूछा कि समूह को महिने में इन उत्पादों से कितनी आय होती है ? उन्होंने ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने राज्य से अमृता हाट में शामिल समूहों की जानकारी दी और बताया कि अमृता हाट के दौरान पहली बार 151 स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के स्टॉल भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अमृता हाट 10 मार्च तक चलेगा।