विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। कला, साहित्य एवम संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार, विरासत संवर्धन संस्थान के तत्वावधान में कल्पना संगीत एवं थियेटर संस्थान बीकानेर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अमर कला महोत्सव 2022 के दूसरे दिवस का शुभारंभ अपराह्न 2:30 बजे “अपराध मनोविज्ञान एवं कला” विषय पर आयोजित संगोष्ठी से किया गया। इस संगोष्ठी में पत्र वाचन वरिष्ठ कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने किया व समाहार वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी द्वारा किया गया तथा गोष्ठी का संचालन कवयित्री शर्मा ने किया। संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। अतिथियों का सम्मान साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार संगीतकार रफीक राज ने किया।
दूसरे सत्र में वर्चुअल रुप से जुड़े श्री महेंद्र गहलोत, अध्यक्ष केश कला बोर्ड राजस्थान सरकार ने समारोह की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी एवम इस कार्यक्रम की खुश खुशबू पूरे देश में फैले, ऐसी मंगल कामना ईश्वर से की। सत्र संचालन विनय हर्ष व जया पारीक ने किया।
वरिष्ठ गायक पुखराज शर्मा ने राजस्थानी मांड केसरिया बालम व स्वर्गीय अमरचंद पुरोहित के होली गीत “हे ब्रज राज दुलारे’ प्रस्तुत की। उन्होंने भजन “संसार के करतार का आकार ना होता” प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। तबले पर संगत गुलाम हुसैन ने की।
इसके पश्चात दिल्ली के युवा कथक नर्तक रोहित पंवार ने अपने नृत्य से सभी को सम्मोहित कर दिया। उन्होंने गणेश स्तुति एवं राग भेरव और चलत जोकि विनोद सिसोदिया के द्वारा गाई गई के ऊपर लहरा गाया और बजाया। संगत में अभिषेक गंगानी, दीपेश चौहान, डी जेम्बे मुकेश चौहान, राहुल चौहान रहे।
अंतिम सत्र में सांय 6:30 बजे दिल्ली के नट सम्राट की हास्य प्रस्तुति सत्य प्रकाश द्वारा लिखित नाटक कमबख्त इश्क का मंचन श्याम कुमार के निर्देशन में किया गया। आज के दौर में जब बच्चों के पास अपने माता पिता के लिए समय नहीं होता है तो माता-पिता बच्चों की भागम भाग वाली जिंदगी में कहीं खो जाते हैं फिर किस प्रकार उस परिवार में अनचाही हास्यास्पद स्थितियां पैदा होती है तथा उनका निराकरण होता है, इसको बखूबी इस नाटक में दर्शाया गया है। नाटक में कलाकारों ने दर्शकों को अपने प्रदर्शन से हंसने गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया।
नाटक में मंच पर रहे अनिल चंदेल, ललित जोशी, मुनमुन, संजय बसलियाल, पंखुड़ी गुप्ता, निशांत, साज अली, विवेक शर्मा, रजत राजहंस, टेरिन सनी।
उपस्थित प्रबुद्ध लोगों में पुंडरीक जोशी, दयानंद शर्मा, अशोक किराडू, डॉ चन्द्रशेखर थानवी, इक़बाल हुसैन, रहे।
कार्यक्रम के तीसरे दिन ग़ज़ल सम्राट रफीक सागर द्वारा तरन्नुम-ए-ग़ज़ल, जितेंद्र सारस्वत द्वारा सुमेरू भजन माला, “नाटक और संगीत” विषय पर सेमिनार और नाटक “मैं बोझ नहीं, भविष्य हूँ” का मंचन किया जाएगा।
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तीनों सत्रों का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार एवं कथाकार कमल रँगा के निर्देशन में हुवा। सत्र संचालन भरत राजपुरोहित ने किया।