महिलाएं अपनी शक्ति और अपने हुनर को पहचानें – संगीता पुरोहित
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। ‘‘ महिलाएं अपनी शक्ति और अपने हुनर को पहचानें। यदि हमें खुद की शक्ति और कर्मशीलता पर भरोसा है – तो केवल एक दिन ही नहीं जीवन का हर पल हमारा है। ’’ ये उद्बोधन प्रधानाचार्या, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राणेर एवं जन शिक्षण संस्थान के प्रबंध मंडल की सम्मानीया सदस्या डाॅ. संगीता पुरोहित ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति एवं जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर स्किल हब द्वारा 08 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में स्थानीय स्वर्ण जयंति सभागार में आयोजित ‘महिला विकास एवं चेतना कार्यक्रम’ की मुख्य अतिथि उद्बोधन में व्यक्त किए।
इसी क्रम में डाॅ.पुरोहित ने कहा हमें समय की मांग को पहचान कर अपने हुनर और अपनी क्षमताओं को निरंतर परिष्कृत करते रहना चाहिए। महिलाएं अपनी क्षमताओं के प्रति सजग होकर अपनी शक्ति को पहचानें और कर्मशील बनें।
आयोजन की विशिष्ट अतिथि डाॅ.दीपाली धवन, डीन, पीजीएस, स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं संस्थान के प्रबंध मंडल की सम्मानीया सदस्या ने संभागियों के साथ वर्चुअल संवाद स्थापित करने हुए कहा कि यदि समाज और राष्ट्र का विकास करना है तो पहले हमें महिला-शक्ति का विकास करना होगा। महिलाओं की सृजनात्मकता एवं रचनात्मकता भावी पीढ़ी को संस्कारित करती है। इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक विकास में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन को महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थान के चैयरमैन अविनाश भार्गव ने कहा कि आज का युग आर्थिक उन्नति का युग है। इस युग में आश्चर्य की बात यह है कि बाजार के अधिकतर उत्पाद तो महिला-शक्ति द्वारा प्रचारित किए जाते हैं, लेकिन महिला स्वयं आर्थिक रूप से स्वावलंबी नहीं हंै। इसलिए महिलाएं खुद को कभी-भी पुरुषों से कमतर नहीं मानंे और शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि हर दृष्टि से स्वावलंबी बनने का हर सम्भव प्रयास करें।
कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत करते हुए जन शिक्षण संस्थान,बीकानेर के निदेशक श्री ओमप्रकाश सुथार ने कहा कि आज के दिन से महिलाएं अपने अस्तित्व निर्माण का संकल्प लेंवे।
कार्यक्रम के ‘अपनी बात’ सत्र में संस्थान की सम्मानीय संदर्भ व्यक्तियों की ओर से वहिदा खातून, मीनातंवर, प्रवीण शर्मा, ममता पंवार आदि ने महिलाओं को हूनर सीखकर अपनी पहचान बनाने और समाज के विकास में अपना योगदान देने के संबंध में अपने हुनर प्राप्ति के संघर्षों से जुड़े विचारों की अभिव्यक्तियां देकर ‘महिला चेतना कार्यक्रम’ को सार्थक कर दिया।
इस अवसर पर दैनिक लोकमत की संपादक अंकिता माथुर ने हुनर बाजार के आयोजन की जानकारी देते हुए कौशल को अपनी आत्मनिर्भरता का मुख्य आधार बनाने का संदेश दिया।
इसी क्रम में शांति मैत्री मिशन की सी.ई.ओ. रितु गौड़ ने कहा कि आज सूचना एवं तकनीकी के युग में आपके हुनर के लिए वैश्विक स्तर पर बाजार उपलब्ध है। नित नया सीखते रहें और अपने हुनर की गुणवता बढ़ाते रहें।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण कर किया गया।
संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने बताया कि आयोजन के प्रथम सत्र में संभागियों के लिए रंगोली, मेहंदी एवं म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतियोगिता के विजेता इस प्रकार रहे – म्यूजिकल चेयर में प्रथम भावना सुथार एवं रंगोली में प्रथम भावना और खुश्बु व्यास, द्वितीय स्थान पर गिरिजा पुरोहित एवं तृप्ति कल्ला, तृतीय स्थान पर शिखा वर्मा एवं संजु गहलोत और सांत्वना स्थान पर आरती मोदी एवं आरती सुथार रहे। मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर पूजा, द्वितीय स्थान नसरीन बानों एवं तृतीय स्थान साहिन बानो ने प्राप्त किया। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों के करकमलों से संबंधित प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
संस्थान परिवार के लेखाकार लक्ष्मीनारायण चूरा, कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य, श्रीमोहन आचार्य, विष्णुदत मारू आदि की सक्रिय सहभागिता रही।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम सहायक तलत रियाज ने आयोजन में बताई गई जानकारियों को कार्य-व्यवहार में अपनाने का संदेश देते हुए आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।