जन्म के समय लिंगानुपात सुधारने और बीकानेर को एनिमिया फ्री बनाने का नवाचार

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जिला कलक्टर की अभिनव पहल, जिले में चलेगा ‘शक्ति’ अभियान

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिले में जन्म के समय लिंगानुपात सुधारने के साथ बेटियों और महिलाओं के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य में जिले में शक्ति अभियान चलाया जाएगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश में शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग के एक हजार लड़कों की तुलना में 918 बेटियां थी। बीकानेर में प्रति हजार बच्चों पर यह संख्या 908 थी। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में जन्म के समय (सेक्स रेस्यो एट बर्थ) जिले में प्रति हजार बच्चों पर 978 बेटियां थी, लेकिन इसके बाद वर्ष 2020-21 में यह संख्या 970 और वर्ष 2021-22 में और घटकर 962 हो गई।


इसी प्रकार वर्ष 2019-21 के नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार देश में 18-49 आयु वर्ग की 54.7 प्रतिशत महिलाएं एनिमिक रिपोर्ट हुई। इस दौरान बीकानेर में 59.4 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी पाई गई। इसी प्रकार 46.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनिमिक थी, जिसे बेहद चिंता का विषय माना गया। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों में खून की कमी के कारण उनका विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि यह दोनों विषय समाज के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से चिंताजनक हैं। इन दोनों स्थितियों में सकारात्मक सुधार हो, इसके मद्देनजर जिले में शक्ति अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है।
यह है ‘शक्ति’ (SHAKTI) अभियान
एस-सेक्स रेस्यो एट वर्थ इम्प्रूवमेंट
एच-हाइलाइटिंग एचीवमेंट्स ऑफ वूमन इन बीकानेर
ए- एनिमिया फ्री बीकानेर
के-कैजन वे
टी-ट्रेजरिंग सेलिब्रेसन ऑफ ‘बेटी जन्मोत्सव आई आई एम शक्ति कॉर्नर / वॉल्स इन स्कूल्स
अभियान के उद्देश्य
जिला कलक्टर ने बताया कि ‘शक्ति’ अभियान के मुख्य उद्देश्य जन्म के समय लिंगानुपात की कमी रोकने और इसमें वृद्धि के प्रयास करना एनिमिया फ्री बीकानेर बनाना बेटी के जन्म को उत्सव की तरह मनाना, बच्चियों और महिलाओं के लिए बेहतर वातावरण तैयार करना और समाज में महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान का भाव पैदा करना है।
इस तरह करेंगे सुधार के प्रयास
जिला कलक्टर ने बताया कि बच्चियों में आत्मविश्वास बढ़ाने और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने के उद्देश्य से जिले के स्कूल जहां अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध होंगे, वहां आई एम शक्ति कॉर्नर’ और अन्य सभी स्कूलों में आई एम शक्ति वॉल’ बनाए जाएंगे। आई एम शक्ति कॉर्नर में बच्चियों के लिए हाइजिन, लिटरेचर और कांउसलिंग कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। इस कक्ष की दीवारों पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली सफल महिलाओं के चित्र बनाए जाएंगे। वहीं आई एम शक्ति वॉल’ में सफल महिलाओं की जानकारी अंकित की जा जाएगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रत्येक बेटी के जन्म पर उनके माता-पिता को सहजन’ का पौधा उपहार स्वरूप दिया जाएगा। यह पौधा अनेक औषधीय और पोषक गुणों से भरपूर है। इसका उद्देश्य दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करना है। जिले के सभी स्कूलों में छात्राओं का सर्वे किया जाएगा और एनिमिक पाई जाने वाली छात्राओं को आईएफए टेबलेट दिए जाएंगे। स्तनपान करवाने वाली और गर्भवती महिलाओं पर भी इस दौरान विशेष नजर रखी जाएगी और आवश्यकता अनुरूप दवाइयां दी जाएंगी। विभिन्न जागरुकता गतिविधियों और सोशल मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसी श्रृंखला में प्रति माह ‘शक्ति’ ई-मेगजीन प्रकाशित की जाएगी। इसमें विविध क्षेत्रों में बीकानेर की सफल महिलाओं की कहानियां, इंटरव्यू और जीवनियां प्रकाशित की जाएंगी। अभियान के दौरान पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों को पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा।