विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। रिपोर्ट ओम दैया।
बीकानेर राजपरिवार के सदस्य रविराज सिंह का मंगलवार को अचानक निधन हो गया वें जयपुर स्थित आवास पर अचेत हो गए थे। बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक आने से अपने जयपुर स्थित आवास पर अचेत हो गए थे, उन्हें तुरंत एसएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। बुधवार दोपहर उनका अंतिम संस्कार सागर में किया जाएगा, जिससे पहले लालगढ़ परिसर में स्थित राठौड़ निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
राजपरिवार के पूर्व महाराजा नरेंद्र सिंह के निधन के बाद रविराज सिंह का राज्याभिषेक करवाया गया था, लेकिन बीकानेर के राजपरिवार ने इसे मान्यता नहीं दी। रविराज सिंह जयपुर में एक बैंक में अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे और पिछले दिनों इस काम को भी छोड़ दिया था। वो जयपुर में ही रहते थे। मंगलवार सुबह करीब बारह बजे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एसएमएस अस्पताल ले जाया गया। जहां दोपहर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद से परिवार और उनसे जुड़े लोगों में गम का माहौल है।
रविराज सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार को सागर में होगा। उनकी अंतिम यात्रा लालगढ़ में स्थित राठौड़ निवास से रवाना होगी। रविराज सिंह ने मेयो कॉलेज अजमेर से ग्रेजुएशन किया गया था, और वहां टॉपर रहे थे।
छत्तरगढ़ के थे रविराज सिंह
छतरगढ़ कस्बे में शोक की लहर छाई व बाजार भी बंद रहा। छतरगढ़ कस्बे के उनके दादा अमर सिंह ने राजस्थान भूदान यज्ञ बोर्ड को छतरगढ़ कि 1,42,393 बीघा का दान आचार्य संत विनोबा भावे को देश का सबसे बड़ा भूदान किया था, इस भूमि पर छतरगढ़ तहसील की 4 ग्राम पंचायतें व करीब 60 से अधिक चक, करीब 2 दर्जन से अधिक आबादी, 6000 किसान कृषि भूमि प्राप्त कर भूमिहीन से खेतिहर किसान बने थे। छतरगढ़ की कुल करीब 50 हजार से अधिक जनसंख्या इन 4 ग्राम पंचायतों में अमर सिंह द्वारा दान दी गई भूमि पर जीवन यापन कर रहे हैं।