आकाश दर्शन ग्रहों का अद्भुत दृश्य : अनिल थानवी

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर के खगोलविज्ञ अनिल थानवी बताते है की भोर में चंद्रमा, शुक्र, मंगल, बृहस्पति व शनि अपनी छटा बिखेर रहे हैं झिलमिलाते-टिमटिमाते तारों के बीच इन्ही पाँचों ग्रहों को हम कोरी आँखों से देख पाते हैं। ग्रहों की अपनी कोई रोशनी नहीं होती है।

ये सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं। इसीलिए दूरी व स्थिति के अनुसार इनकी चमक घटती-बढ़ती रहती है। फिर भी ग्रहों की अपनी एक अलग आभा होती है, जिसके बलपर हम उसे पहचान लेते हैं। सबसे चमकदार ग्रह शुक्र ‘भोर का तारा’ बना हुआ है। सुबह-सवेरे उठकर, पूर्वी क्षितिज पर नजर दौड़ाइये, जगमगाता शुक्र आपको बरबस अपनी और खींच रहा है। धीरे-धीरे नीचे सरक रहा शुक्र, अगले अगले कई महीनों तक भोर में बना रहेगा।

 

थानवी बताते हैं की मंगल भोर में पूर्वी क्षितिज पर है। तारों की झिलमिलाहट खत्म होने के पहले, दमकते शुक्र से जरा पश्चिम में, गुलाबी रंगत में मंगल को पहचाना जा सकता है। सबसे बिशाल ग्रह बृहस्पति भोर में पूर्वी क्षितिज पर धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। 30 अप्रैल को यह चमकदार शुक्र तक पहुँच जायेगा। बृहस्पति की चमक-दमक तारों से काफी ज्यादा है, लेकिन अभी बहुत कम ऊँचाई पर है। माह के उत्तरार्द्ध में देवगुरु को असानी से आप पहचान लेगें। दैत्यगुरु शुक्र व देवगुरु बृहस्पति दोनों मिलकर पूर्वी क्षितिज पर एक शानदार नजारा पेश कर रहे हैं। सबसे सुन्दर ग्रह, वलयधारी शनि, मकर राशि के धुंधले तारों के बीच एक चमकदार तारे जैसा नजर आ रहा है। भोेर में अभी यह शुक्र व मंगल के बीच है। सुबह-सवेरे यदि आप जल्दी बिस्तर छोड़ने का कष्ट उठायें तो आपको चार ग्रहों का दर्शन एक साथ हो जायेगा।

चन्द्रमा 24 को शनि, 26 को मंगल, 27 अप्रैल को पहले शुक्र व फिर बृहस्पति ग्रह के आस-पास रहेगा। इस विधि से भी ग्रहों को पहचानकर आप हफ्तों या महीनों उन पर नजर रख सकते हैं।