विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर नगर के 535वें स्थापना दिवस के कार्यक्रमों की श्रंखला में शनिवार को जिला प्रशासन और राव बीकाजी संस्था द्वारा ‘अभिलेखों में बीकानेर’ विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉ महेंद्र खड़गावत थे। उन्होंने कहा कि अभिलेखागार द्वारा लगभग 2 करोड़ अभिलेखों का डिजिटाइजेशन किया गया है। यह दुनिया भर में मिसाल है, जिसकी बराबरी कभी नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग के पांच लाख पट्टे डिजिटाइज्ड किए गए हैं। जिन्हें आम आदमी कभी भी देख सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भंवर भादानी ने कहा कि 534 वर्षों का इतिहास समेटे हुए बीकानेर ने अनेक उतार चढ़ाव देखे। राव बीकाजी ने नगर बसाया लेकिन इसके क्रमिक विकास ने महाराजा रायसिंह, गंगा सिंह, अनूप सिंह और शार्दुल सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
इसिहासकार डॉ मोहमद इक़बाल ने कहा कि अभिलेखों के माध्यम से हमें जो जानकारी मिलती है, वह अन्य किसी माध्यम से नहीं मिल सकती। इसके मद्देनजर अभिलेखों का हमारे जीवन मे अत्यंत महत्व है। यह हमारे इतिहास को जिंदा रखे हुए हैं।
राव बीकाजी संस्थान के अध्यक्ष डॉ गिरिजा शंकर शर्मा ने कहा कि बीकानेर के ऐतिहासिक अभिलेखों का लाभ युवा पीढ़ी को लेना चाहिए, जिससे वे हमारे इतिहास को समझ सकें।
वरिष्ठ साहित्यकार भँवर पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि अभिलेखागार द्वारा किए गए डिजिटाइजेशन से दुनिया भर में बीकानेर को नई पहचान मिली है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहम्मद फारूक ने किया। आत्मा राम भाटी ने आभार जताया। इस दौरान संस्था के महामंत्री डॉ. विद्यासागर आचार्य, कार्यक्रम संयोजक राम लाल सोलंकी, अभिषेक आचार्य, संजय पुरोहित, संजय गर्ग, कासिम बीकानेरी, नरेंद्र सिंह स्यानी, प्रहलाद सिंह मार्शल, कमल रंगा, इरशाद अजीज, डॉ. रितेश व्यास और दिलीप सिंह और अभिलेखागार के कर्मचारी मौजूद रहे।
कवि सम्मेलन रविवार को
कार्यक्रमों की श्रंखला में रविवार को सायं 7 बजे सूरसागर प्लाजा में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित होगा। मुख्य कार्यक्रम 2 मई को राव बीकाजी प्रतिमा स्थल पर होगा।