विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। रिपोर्ट भैराराम तर्ड। सुरनाणा-एक और नहर बंदी और दूसरी तरफ 45 डिग्री से भी अधिक तापमान, तपते धोरों के बीच मूक पशुओं को हलक तर करने के लिए पानी सहजता से उपलब्ध हो जाए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है। सुरनाणा गांव में कई दशकों का साक्षी प्राचीन जोहड़ जीर्णोद्धार के बाद इस हकीकत का द्योतक बन गया है। हरे भरे पेड़ों के बीच करीब 70 साल पहले बना इस जोहड़ की जीर्णाेद्धार होने के साथ ही कायापलट हो गई है।
जोहड़ की कायापलट होने से गांव की दिशा भी बदल गई है। एक समय था जब इस जोहड से पूरा गांव का पशुधन पानी पीता था। लेकिन धीरे-धीरे सार संभाल के भाव में इसकी दुर्दशा होती चली गई लेकिन वर्तमान सरपंच भंवरलाल भुंवाल की सतर्कता व जागरूकता के कारण इस जोहड़ का जीर्णाेद्धार काम शुरू हुआ। धीरे-धीरे जोहड़ की काया पलट के साथ ही गांव की दिशा और दशा बदल गई। वहीं इस जोहड़ के चारों और भ्रमण पथ बना हुआ है। करीब 700 घरों की आबादी वाले इस गांव में पानी संग्रहण के लिए यह जोहड़ भविष्य में उपयोगी साबित होगा। इस जोहड़ से गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत बनी पेयजल टंकी से कनेक्शन जोड़ दिया गया है।
ग्राम पंचायत ने ली सुध
पिछले कई सालों से मरम्मत की बाट जोते इस जोहड़ की सुध ग्राम पंचायत प्रशासन ने ली। ग्राम पंचायत के सरपंच भंवरलाल भुंवाल ने बताया कि जोहड़ का जिर्णाेद्वार कर तीन अलग-अलग घाट बनाए गए हैं, इनमें एक बड़ा घाट बनाया गया है। साथ ही हादसे को रोकने व सुरक्षा के लिए चारों ओर तारबंदी का कार्य पूर्ण हो चुका है।