भेड और बकरी पालन को किया जाएगा प्रोत्साहित: जिला कलक्टर

कृषि विभाग से संबंधित विभिन्न बैठकें आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिले में कृषि के साथ पशुपालन को भी बढ़ावा मिले, इसके मद्देनजर किसानों को भेड़ और बकरी पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।


जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बुधवार को कृषि विभाग से संबंधित बैठकों की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं। किसानों की आय बढ़े, इसके लिए पशुपालन जरूरी है। इसके मद्देनजर जिले में भेड़ एवं बकरी पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा जिले में इससे संबंधित मंडी स्थापित की जाएगी। इसकी कार्ययोजना बनाने के लिए उन्होंने नाबार्ड और सीएसडबल्यूआरआई के अधिकारियों को निर्देशित किया।

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जिला कलक्टर ने कृषि विभाग द्वारा फर्टिलाइजर और बायो एजेंट वितरण की पारदर्शी व्यवस्था की जाए। कोई भी पात्र किसान इससे वंचित नहीं रहे। साथ ही नियमविरूद्ध वितरण नहीं हो। इससे संबंधित समूचा रिकॉर्ड संधारित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिकायत सामने आई, तो संबंधित कृषि अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ और रबी 2018-19 का क्लेम वितरित नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया तथा पात्र व्यक्ति को बकाया भुगतान शीघ्र करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए कृषि विभाग को बैंक और इंस्युरेंस कंपनी के साथ समन्वय रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए।


कृषि गोष्ठियों का हो प्रभावी आयोजन
जिला कलक्टर ने कहा कि ‘माटी’ परियोजना के तहत गोष्ठियों का प्रभावी आयोजन हो। इनमें अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। परियोजना के दूसरे चरण के लिए जिले के 25 गांवों का चयन और प्रत्येक किसान द्वारा किए जाने वाले कार्य की व्यक्तिगत पत्रावली अगले पंद्रह दिनों में तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अब तक 156 गोष्ठियां आयोजित हुई हैं। उन्होंने इन गोष्ठियों में ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारियों को जाने और किसानों के बीच बैठकर संवाद करने के निर्देश दिए।


विभिन्न बिंदुओं की जानी प्रगति
जिला कलक्टर ने बताया कि गत वर्ष जिले में डिग्गी निर्माण के 1 हजार 150 के लक्ष्य के विरूद्ध 1 हजार 19 डिग्गियों का निर्माण करवाया जा चुका है। इसके लिए 2 हजार 431 लाख रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। उन्होंने फार्म पोंड, सूक्ष्म पोषक तत्व किट वितरण, सुपर कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना, मिनिकिट आवंटन और राज किसान पोर्टल सहित विभिन्न बिंदुओं की प्रगति जानी। इस दौरान जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) की प्रगति समीक्षा की।
बैठक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. उदयभान, उप निदेशक कैलाश चौधरी, संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. विरेन्द्र नेत्रा, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक रमेश तांबिया, सीएसडबल्यूआरआई की डॉ. निर्मला सैनी, सीआईएएच के डॉ. शिवराम, काजरी के निदेशक डॉ. एनडी यादव, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. एसआर यादव आदि मौजूद रहे।