यहां अंकुर है, इन्हें परिवेश मिल जाऐ तो विश्व स्तर के कलाकार मिल सकते है – सन्नू

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। अजित फाउण्डेशन दस दिवसीय चित्रकला शिविर के अन्तिम दिन आज 50 बाल चित्रकारों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री हरि गोपाल हर्ष ‘सन्नू’ ने कहा कि प्रदर्षनी में छोटे-छोटे उम्र के बच्चों द्वारा बनाऐ गए चित्र ऐसे लगता है जैसे सुप्रसिद्ध चित्रकार ‘शंकर’  ऑल वर्ल्ड कम्पीटिशन करवाता थे वैसे चित्र यहां देखने को मिले। बच्चों ने लगन से इस शिविर में रेखाओं और रंगों का संयोजन किस प्रकार से किया है कि यह बखूबी सीखा। प्रदशर्नी को देखकर श्री हर्ष ने कहा कि इस परिवेश में कलाकार बनने कि अंकुर बहुत है। उन्हें कोई रास्ता मिल जाए तो विश्व स्तर का कलाकार इस परिवेश में से निकल सकते है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध चित्रकार डॉ. राकेश किराडू, प्रोफेसर, चित्रकला विभाग, सीस्टर निवेदिता कॉलेज ने कहा कि प्रदर्षनी में चश्मा किए गए चित्र बहुत ही सुन्दर व मनमोहक है। जिसमें बच्चों के द्वारा सरल एव सहज भावों को चित्रतल पर उकेरा गया जो अपने आप मे ही ‘सत्य शिवम सुन्दरम’ की कल्पना को मूर्त मान कर रहे है। बाल चित्रकारों के चित्रों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस निर्जन मरूस्थलीय प्रदेष में चित्र रूपी बगिया लहलाह उठी है जिसकी सुगन्ध बीकानेर ही नहीं वरण सम्पूर्ण राजस्थान में फैलेगी। चित्रों को देखकर ऐसा एहसास हुआ कि यह चित्र जैसे मंझे हुए कलाकारों द्वारा सृजित किए गए है जिसमें स्थिति जनय लघूता का पूरा पूरा खयाल रखा गया है। दृश्य चित्रण में भी ग्रामीण परिवेश की झांकी को साकार किया गया है। रेलगाडी के बनाये गए चित्र को देखकर ऐसा प्रती त होता है कि मानो बीकानेर शैली के अधिष्ठाता चित्रकार मथेरण चित्रकारो द्वारा इनका सृजन किया गया हो।


संस्था कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि दस दिवसीय षिविर में 50 चित्रकारों ने बढचढ कर भाग लिया। इस दस दिवसीय शिविर में ऑब्जेक्ट चित्र, लेण्डस्केप चित्र और डिजाईन चित्र सीखाए गए। कार्यक्रम में सभी बाल चित्रकारों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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इस अवसर पर हनुमान श्रीमाली, गिरिराज व्यास, गणेश रंगा, करण ओझा, मनोज श्रीमाली आदि उपस्थित रहे।