प्राकृतिक भिन्नता सामाजिक भेदभाव का आधार नहीं हो सकती- संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, जन जागरूकता से ही खत्म होगा लैंगिक भेदभाव- जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। महिलाओं के प्रति सामाजिक, लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने, उनका स्वास्थ्य, सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाए जा रहे शक्ति अभियान के तहत संभागीय आयुक्त नीरज के पवन तथा जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शुक्रवार को जिले की समस्त ग्राम पंचायतों से एक साथ जुड़कर इस अभियान को सफल बनाने के लिए संवाद किया।
राजीव गांधी सेवा केंद्र से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों अधिकारियों ने जिले की समस्त ग्राम पंचायत मुख्यालयों से जुड़कर अभियान को सफल बनाने की अपील की। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने कहा कि लैंगिक अनुपात में सुधार केवल कानून से नहीं आ सकेगा बल्कि बेटी के जन्म की महत्ता को रेखांकित करते हुए समाज में स्वीकार्य वातावरण निर्माण के लिए लोगों को और जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छता जैसे विषयों का सामान्यीकरण होना आवश्यक है। इसके लिए लड़कों में इस विषय पर अधिक जागरूक करने की जरूरत है। अभियान के तहत जिले में महिलाओं को एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे काम को प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने कहा कि प्रार्थना सभा में आवश्यक रूप से सभी बालिकाओं को आयरन टेबलेट खिलाई जाए। गुड टच बैड टच के बारे में बच्चों को जागरूक करें । उन्होंने कहा कि भिन्न होना प्राकृतिक है लेकिन इसे सामाजिक भिन्नता का आधार नहीं बनाया जाए। इसके लिए समाज के हर वर्ग तक बेटा बेटी एक समान का संदेश पहुंचाने और बेटियों की सफलता को भी रेखांकित करने की आवश्यकता है।
15 अगस्त पर किया जाएगा सम्मानित
संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने कहा कि शक्ति अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीम को 15 अगस्त पर जिला स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर के निर्देशन में जिले में चलाए जा रहे इस अभियान की सफलता इसमें निहित है कि हर भागीदार अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएं।
प्रत्येक बुधवार को मनाया जाएगा आयरन डे
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने ग्राम पंचायत मुख्यालय तक जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अभियान के तहत लैंगिक अनुपात का अंतर कम करने के लिए मुखबिर योजना के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाए।
जिला कलक्टर ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में प्रत्येक बुधवार को आयरन डे मनाया जाएगा। इसके तहत प्रार्थना सभा में बच्चों को आयरन की टेबलेट आवश्यक रूप से खिलाई जाएगी। शिक्षा विभाग 3 माह की एडवांस डिमांड देगा। भगवती प्रसाद ने कहा कि माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के विषय में पुरुषों के लिए भी जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाए। साथ ही बाल हिंसा रोकने के लिए गुड टच बैड टच के बारे में भी जागरूकता अभियान चलाया जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साथिन सहित समस्त कार्मिकों की सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जिले में बेटी जन्मोत्सव पर प्रोत्साहन संदेश तथा सेहजन का पौधा भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए 30 हजार पौधे वर्तमान में नर्सरी में तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही महिला सफलताओं की कहानियां प्रकाशित करने के लिए शक्ति ई मैगजीन भी तैयार करवाई जा रही है। सफल महिलाओं के कृतित्व से प्रेरणा के लिए स्कूलों में वॉल ऑफ इंस्पिरेशन बनाए जा रहे हैं।
इस दौरान संभागीय आयुक्त ने एक आशा कार्यकर्ता से संवाद कर शक्ति योजना के उद्देश्यों के प्रति कार्यकताओं की समझ की जानकारी ली। खाजूवाला की एक आशा ने यह विश्वास दिलाया कि महिलाओं के सम्मान, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही इस को घर-घर पहुंचाने के लिए वे कर्तव्यनिष्ठ होकर अतिरिक्त क्षमता के साथ काम करेंगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एएच गौरी सीईओ जिला परिषद नित्या के, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओम प्रकाश, सीएमएचओ डॉ बी एल मीना, उपनिदेशक महिला अधिकारिता मेघा रतन, संयुक्त निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी सत्येंद्र सिंह सहित उपखंडों से एसडीएम, विकास अधिकारी और शिक्षा, चिकित्सा अधिकारी और ग्राम पंचायत मुख्यालयों से सरपंच सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी जुड़े।