मास्टर बच्ची क्लब फुटबॉल समिति का भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने रविवार को सूरदासाणी बगीची में मास्टर बच्ची क्लब फुटबॉल समिति द्वारा आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस अवसर पर डॉ.कल्ला ने कहा कि समिति द्वारा पिछले 28 वर्षो से अनवरत राज्यस्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन करना सराहनीय कार्य है। इस प्रतियोगिता ने अनेक खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर में खेलों की समृद्ध परंपरा रही है। यहां के अनेक खिलाड़ियों ने देश और दुनिया में बीकानेर का नाम रोशन किया है। युवा खिलाड़ी इस परंपरा को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि खेल को खेल की भावना से खेला जाना चाहिए। खिलाड़ियों के बीच सकारात्मक स्पर्धा की भावना हो। उन्होंने संस्था द्वारा भामाशाहों के सम्मान को अच्छी परंपरा बताया।
श्री ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम के अधिष्ठाता पंडित रामेश्वरानंद महाराज ने कहा कि जिस प्रकार भामाशाह की दानवीरता को याद रखा जाता है, उसी प्रकार आज के दौर ने शिक्षा, चिकित्सा और खेलों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग देने वाले दानदाताओं को भी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने बीकानेर की दान और धर्म की परंपरा को देश भर के लिए मिसाल बताया।
कार्यक्रम में अपर आयकर आयुक्त जे.पी.तलानिया ने कहा कि मास्टर बच्ची क्लब समिति द्वारा फुटबॉल का आयोजन बीकानेर संभाग के साथ राज्य भर के खिलाड़ियों के लिए एक प्लेटफॉर्म है।
मास्टर बच्ची क्लब फुटबॉल समिति के सचिव भरत पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान गत 28 वर्षों से समिति से जुड़े तीस भामाशाहों का सम्मान किया गया। समिति के अध्यक्ष सुनील बांठिया ने आभार जताया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व फुटबॉलर देवीसिंह राजवी, रहमतअली, मेघसिंह, महावीर स्वामी, त्रिभुवन ओझा, देवेंद्र पुरोहित आदि मौजूद रहे।
इन भामाशाहों का हुआ सम्मान
राजेश चूरा, चंद्रमोहन मूंधड़ा, शशिमोहन मूंधड़ा, हरिमोहन मूंधड़ा, देवकिशन चांडक, महावीर रांका, महेश व्यास, विशनलाल पुरोहित, सत्यनारायण, रामजी सोनी, गोपाल पुरोहित, शिवजी बछ, हारून राठौड़, स्व.अरविन्द ऊभा, जमन छंगाणी, शिवनारायण पुरोहित, विपिन पोपली, विमल आचार्य, राजेश पुरोहित, मोटू महाराज, नथमल मारू, सरजू पुरोहित, पूनम जोशी, पंकज जोशी और नवीन पुरोहित का गत 28 वर्षों में दिए गए योगदान के लिए सम्मान किया गया। दिवंगत सहयोगियों के परिजनों ने यह सम्मान ग्रहण किया।