विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। साले की होली चौक क्षेत्र के मुरली मनोहर मंदिर के पास स्थित प्रभु माधो निवास में सोमवार को कलश यात्रा, वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ ठाकुरजी व भागवतजी के पूजन के बाद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ शुरू हुआ। कथा का वाचन विवेचन भागवताचार्य पंडित अरूण कृृष्ण व्यास एक सप्ताह तक दोपहर सवा बारह बजे से सवा दो बजे तक व अपरान्ह सवा तीन बजे से सवा छःह बजे तक करेंगे।
बीकानेर के अनूठे भगवान कृष्ण व रुक्मणी के मंदिर में ’’श्रीकृष्ण शरणम् मम’’ के मंत्र जाप, स्तुति व आरती के बाद रवाना हुई कलश यात्रा में यजमान माधोदास हर्ष व श्रीमती कृष्णा देवी ने शास़्त्रोक्त विधि से भगवान श्रीकृष्ण व भागवतजी का पूजन करवाया। कलश यात्रा में महिलाएं संकीर्तन करते हुए चल रहीं थी।
प्रथम दिन कथा का वाचन विवेचन करते हुए भागवताचार्य पंडित अरूण कृृष्ण व्यास कहा कि कलयुग में भागवत कथा धर्म, अर्थ,काम व मोक्ष प्रदान करती है। भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण कर भक्ति भाव से भागवत कथा सुनने उनके प्रसंगों का चिंतन-मनन करने से व्यक्ति के मन में भक्ति के भाव जागृत होते है। भगवान की पूजा अर्चना में भाव प्रधान रहते है। भाव से सबरी के बेर भी ठाकुरजी अमृत फल के रूप में स्वीकार करते है। उन्होंने गीता के प्रसंग के माध्यम से बताया कि श्रीमद्् भागवत व विश्व प्रसिद्ध सनातन धर्म का प्रमुख ग्रंथ गीताजी निष्काम भाव से प्रभु भक्ति का संदेश देता है।
भजनों के मुखड़ों, संस्कृत श्लोकों और बीच मेंं जयकारा के माध्यम से पंडित अरुण कृष्ण व्यास ने सर्वव्यापी परमात्मा अनन्य भाव से भक्ति करने वाले भक्त की पुकार जरूर सुनते है। वे भक्त की हर परिस्थिति व समय में रक्षा करते है। भक्त व भजन किए बिना ही परमात्मा के प्रति भाव रखने पर भी ठाकुरजी रक्षा करते हैं। भागवत भक्त इस अवसर पर पंडित कालीदास व श्रीमती मोहिनी देवी, पंडित नथमल व सूरजदेवी का भी स्मरण करते हुए पुष्पाजंलि दी तथा नमन किया।