बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय एवं सिविलवॉलेट फाउंडेशन के “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” कार्यक्रम का हुआ आगाज

बीटीयू और सम्बद्ध कॉलेजो के मध्य आयोजित हुई संवाद श्रंखला, शिक्षा समुदाय हेतु सुरक्षा मानक महत्वपूर्ण : प्रो,अम्बरीष शरण विद्यार्थी, कुलपति

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर| शिक्षा समुदाय के सामुदायिक विकास और सम्बद्ध महाविद्यलयों से जुड़े विद्यार्थियों की सर्वांगीण सुरक्षा की सामाजिक मुहिम के साथ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय एवं सिविलवॉलेट फाउंडेशन की शैक्षणिक नवाचार परियोजन “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” का बीटीयू और सम्बद्ध कॉलेजो के मध्य आयोजित हुई ऑनलाइन संवाद श्रंखला के माध्यम से आगाज किया गया। जिसमे बीटीयू के 32 सम्बद्ध कॉलेजो के निदेशक, प्राचार्य और कोर्डिनेटरस और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े हितधारको ने सहभागिता निभाई। इस अवसर पर सिविलवॉलेट के सीईओ विक्रम सिंह कविया, सिविलवॉलेट नोडल अधिकारी उरोज सुल्ताना, बीटीयू नोडल अधिकारी डॉ गायत्री शर्मा एवं डॉ अलका स्वामी उपस्थित थी। इस अवसर पर उच्च शैक्षणिक संस्थानों, विश्विद्यालय और सिविलवॉलेट के मध्य विद्यार्थियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय दुवारा प्रदेश में प्रथम बार आईएसआर “इंस्टिट्यूशन सोशल रिस्पांसिबिलिटीज” दायित्वों के अंतर्गत सामुदायिक विकास की अवधारणा के साथ सिविलवॉलेट फाउंडेशन के सहयोग से प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में सुरक्षा मानको की अभिनव परियोजना “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” अभियान का शुभारम्भ किया गया है जिसके लिए डॉ.गायत्री शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया हैं और प्रत्येक कॉलेज स्तर पर एक कोर्डिनेटर नियुक्त किया गया है जो कि इस योजना का प्रभावी संचालन और क्रियान्वयन करेंगे।

अभियान की शुरुआत करते हुए इंटरेक्शन सेशन में सम्बद्ध कॉलेजो को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. अम्बरीष शरण विद्यार्थी ने कहा की भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली हैं , लेकिन सुरक्षा मानकों पर हम आज अन्य शिक्षा व्यस्थाओ से बहुत पीछे हैं, आज की सदी में सूचना और ज्ञान से संचालित समाज का प्रभुत्व है। उद्योगीकरण और आर्थिक विस्तार से दुनियाभर में तकनीकी बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में विश्वविद्यालयों से सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और पारंपरिक रूप से प्रचलित व्यस्था में बदलाव की आवश्यकता है। समाज के विकास में शिक्षा का महत्व सर्वोपरि है, समाज का सर्वाधिक विकास तभी हासिल किया जा सकता है जब लोगों के चहुंमुखी विकास के लिए शिक्षा में सुरक्षा मानको को सम्मलित किया जाए । समाज की आकांक्षाओं, मूल्यों और विकास की प्राथमिकताओं के लिए उच्च शिक्षा अहम है। इन सबका नियमित मूल्यांकन और उच्च शिक्षा व्यस्था में सुरक्षा मानको को सम्मलित कर सुधार किया जाना चाहिए।

शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ सम्बद्ध महाविद्यालय दुवारा विद्यार्थी की सुरक्षा भी उनकें प्रमुख दायित्व में से एक है, संस्था परिसर में ऐसा वातावरण देने का प्रयास करे की जिसमें हर विद्यार्थी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।

संस्था में इस बात का विशेष ध्यान रखे कि किसी भी विद्यार्थी को भय, तनाव, असुरक्षा एवं डर जैसा अनुभव ना हो और उन्हें ऐसे अवसर प्रदान करें की वह अपनी किसी भी तरह की समस्या को विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के साथ खुलकर साझा कर सकें । विद्यार्थी की सफलता-असफलता का उसके सुरक्षित रहने के साथ गहरा संबंध है तथा विद्यार्थी की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता उसके जीवन पर गहरा असर डाल सकता है । शैक्षिक संस्थानों से जुड़े विद्यर्थियों की सर्वांगीण सुरक्षा के दृष्टिकोण में अभिवृद्धि के लिए “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” को एक सामजिक मंच के रूप में विकसित किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य सुरक्षा स्तरीय मानदंडों और सुरक्षा प्रथाओं के प्रति जागरूकता और नैतिक रूप से मजबूती प्रदान करना है।

सिविलवॉलेट फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम सिंह कविया अभियान की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी कॉलेजो में “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा हैं । सिविलवॉलेट फाउंडेशन के प्रमुख रूप से सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर उत्कृष्टता केंद्र विकसित करेगा जहां उत्कृष्टता केंद्र को शिक्षा समुदाय और अन्य संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा। हम इस अभियान के माध्यम से सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में छात्रों और संस्थानों को जागरूक करने के का सफल प्रयास करेंगे, ताकि शिक्षा समुदाय की सुरक्षता के प्रति सजगता और कौशल को बढाया जा सके। यह सिंबल मुख्य रूप से शैक्षणिक संस्थानों के उपयोग के लिए बनाया गया है सभी संस्थान इस सिंबल का उपयोग करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगे। इस सिंबल के उपयोगकर्ता अपने परिसर में उपस्थिति हर व्यक्ति की सुरक्षा के प्रति पूर्ण रूप से गंभीर है। वह हर सम्भव इस बात का प्रयास करते है कि उनके परिसर में उपस्थित कोई भी व्यक्ति अपने आप को असुरक्षित महसूस ना करे। । सिंबल ऑफ सेफ्टी मात्र एक सिंबल नही है बल्कि एक भरोसे का, एक विश्वास का एवं एक वचनबद्धता का प्रतीक है, जो इस सिंबल के उपयोगकर्ता के द्वारा उनके परिसर में उपस्थित समस्त समुदाय और व्यक्तियों के लिए दिया जा रहा है।

नोडल अधिकारी उरोज सुल्ताना ने कहा की विद्यार्थियों के भविष्य के लिए कौशल विकास के लिए आज संस्थागत सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्ददा हैं, भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था में छात्रों के संपूर्ण विकास पर जोर दिया जाता था। इसके लिए सामाजिक संरक्षण, उच्च कोटि का ज्ञान, विवेचनात्मक सोच, जीविकोपार्जन के लिए उन्हें तैयार करने और नैतिक मूल्य विकसित करने पर फोकस रहता था ताकि वे बेहतर समझ और नैतिकता वाले इंसान बन सकें। आज हमारे विश्वविद्यालयों को ये सब बातें सुनिश्चित करने की दरकार है। विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों को सुरक्षा आधारित शिक्षा प्रणाली को तैयार करना होगा।