विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में ‘स्टेण्ड अलोन’ शैक्षणिक संस्थाओं के विलोपन का प्रावधान शैक्षणिक संस्थाओं के गुणवत्ता आयामों को हानि पहॅंुचाएगा। इस के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु हमें एक मैकेनिज्म तैयार करना होगा जिससे हम गुणवत्ता को कायम रख सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति विधि शिक्षण में विविधता को और अधिक समृद्ध करती है। विधि शिक्षा को द्विभाषीय बनाने का प्रावधान भी स्वागत योग्य है। उपर्युक्त विचार राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर की कुलपति प्रो. पूनम सक्सेना ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ लाॅ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 एवं विधि शिक्षा’ में बीज वक्ता के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये। इससे पूर्व प्रो. सक्सेना ने भारतीय विधि शिक्षा में व्याप्त विविधता की विस्तार से चर्चा की।
राष्ट्रीय वेबिनार के अन्य वक्ता आर.एन.बी. ग्लोबल विश्वविद्यालय में कार्यरत स्कूल आॅफ लाॅ के निदेशक प्रो. जी. एस. करकरा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने विधि शिक्षा एवं शिक्षण को जीवन्तता प्रदान की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में राष्ट्र निर्माण हेतु विधि शिक्षा का प्रावधान है। विधि शिक्षा को सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से पृथक कर नहीं देखा जा सकता है। इस तथ्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थान प्रदान किया गया है।
इससे पूर्व स्कुल आॅफ लाॅ के निदेशक प्रो. एस. के. अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विधि शिक्षण के बारे में कई प्रश्नों को उत्पन्न करती है यथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विधि शिक्षण की पाठ्यक्रम संरचना में परिवर्तन कैसे हो? इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिये क्या उपाय अपेक्षित है? हमारे विधि शिक्षण को राष्ट्रीय संरचना का आधार कैसे बनाया जाये? हमारे विधि शिक्षण को संवैधानिक मूल्यों के प्रति आस्था उत्पन्न करने वाला बनाने हेतु क्या उपाय किये गये है? क्या इसे तकनीकी पाठ्क्रमों के साथ जोड़कर पढ़ाने की आवश्यकता नहीं है?
वेबिनार में कुलपति प्रो. वी. के. सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में विधि शिक्षण को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिये कई नये निर्णय किये गये है। इसी क्रम में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन लेने का भी निर्णय किया है। वेबिनार का संचालन आयोजन सचिव श्रीमति संतोष कंवर शेखावत ने किया अंत में ़धन्यवाद भरत कुमार जाजड़ा ने किया। तकनीकी सहयोग शोध छात्र पुरकैफ़़ ने किया।