राजस्थान दिवस के अवसर पर लगाई प्रदर्शनी : अत्यंत विशिष्ठ हैं हमारी कला, संस्कृति और परम्पराएं-जिला प्रमुख

विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर । राजस्थान दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से राजस्थान की कला व संस्कृति पर आधारित एक दिवसीय प्रदर्शनी तथा संगोष्ठी का आयोजन गंगा राजकीय संग्रहालय में मंगलवार को किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल ने किया। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति राजस्थान के इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को राजस्थानी परंपरा से रूबरू करवाया गया। उन्होंने बताया कि राजस्थान शुर वीरों का प्रदेश है, यह महाराणा प्रताप तथा राणा सांगा की पृष्ठभूमि है। इन शूरवीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था।


अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अरुण प्रकाश शर्मा ने बताया कि राजस्थान की कला एवं संस्कृति राजस्थान के साथ-साथ पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने राजस्थान के विभिन्न गायन शैलियों तथा नृत्यों के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि यहां पर अल्लाह जिलाई बाई जैसी मांड गायिकाओं ने राजस्थान की गायन शैली को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानु प्रताप ढाका ने बताया कि प्रदर्शनी में राजस्थान की हवेलियां, विभिन्न मेलों, कुओं तथा बावड़ियों  तथा किलो, प्रमुख दर्शनीय स्थल, वन्य जीव, तीज त्यौहार, परंपराएं तथा राजस्थानी पकवानों से संबंधित विषयों पर प्रदर्शनी लगाई गई। सहायक पर्यटन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्थान दिवस के अवसर पर राजस्थान की पर्यटन कला व संस्कृति पर आधारित ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया, इसका मुख्य विषय श्कोविड-19 के दौरान पर्यटन क्षेत्र में समस्या, चुनौतियां और निस्तारणश् था। उन्होंने बताया कि जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों को रंग बिरंगी रोशनी से लबालब किया जाएगा तथा संग्रहालय में आमजन का आवागमन एक दिन के लिए निःशुल्क रखा जाएगा।