विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।शहर भाजपा की जिम्मेदारी एक बार फिर विजय आचार्य को सौंप दी गई है। इससे पहले भी आचार्य अध्यक्ष रहे थे लेकिन तब कार्यकाल बहुत कम समय के लिए रहा, लेकिन अब चुनावी साल में उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। उधर, देहात में जालम सिंह भाटी को एक बार फिर बागडोर सौंप दी गई है।
प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं। बीकानेर में शहर अध्यक्ष के दावेदार के रूप विजय आचार्य के अलावा भी कई नाम थे जिन्हें पीछे छोड़कर विजय आचार्य को जिम्मा दिया गया है। अभी अखिलेश सिंह भाजपा के अध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव में बीकानेर पश्चिम से टिकट के भी विजय आचार्य दावेदार हैं तथा पहले भी एक बार टिकट फाइनल हो चुका था । टिकट देने में अब आचार्य की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। कई बार अध्यक्ष को भी टिकट दिया जाता रहा है, ऐसे में टिकट की दौड़ से वो पूरी तरह बाहर नहीं हुए हैं।
देहात अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर जालम सिंह भाटी को दी गई है। इससे पहले ताराचंद सारस्वत के पास ये जिम्मा था। जालम सिंह खुद पहले अध्यक्ष रह चुके हैं। खाजूवाला क्षेत्र में जालम सिंह भाटी का प्रभाव है। खाजूवाला के पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल के नजदीकी हैं।
राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर एक्टिव मोड में आ गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को आठ नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की। इनमें बीकानेर शहर से विजय आचार्य, बीकानेर देहात से जालम सिंह भाटी, अलवर उत्तर से उम्मेद सिंह भाया, अलवर दक्षिण से अशोक गुप्ता, भरतपुर से ऋषि बंसल, सवाई माधोपुर से सुशील दीक्षित, बाड़मेर से स्वरूप सिंह खारा और बालोतरा से बाबू सिंह राजगुरु को अध्यक्ष बनाया गया है।
पार्टी ने संगठन में फेरबदल के साथ ही गुटबाजी भुला सक्रिय पदाधिकारियों को अध्यक्ष पद सौंपा है। इनमें विजय आचार्य को बीकानेर शहर जिला अध्यक्ष बनाया गया है। वे दूसरी बार जिलाध्यक्ष बने हैं। वहीं बीकानेर से पार्टी ने एक बार फिर जालम सिंह को देहात की जिम्मेदारी देकर संगठनात्मक तालमेल बनाने की कोशिश की है। बता दें कि जालम सिंह भाटी बीकानेर देहात भाजपा के तीसरी बार भाजपा ज़िलाध्यक्ष बने हैं। जालम सिंह भाटी इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार के वक्त भी ज़िलाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभल चुके हैं। युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ऋषि बंसल को भरतपुर का जिला अध्यक्ष बनाकर पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से मुख्यधारा में लाया गया है।
अलवर में संजय सिंह नरूका को हटाया
इसके साथ ही अलवर में जन आक्रोश यात्रा के दौरान हुए अभद्र डांस मामले में एक्शन लेते हुए पार्टी ने संजय सिंह नरूका को पद मुक्त कर उमेद सिंह भैया को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनावी साल में संगठन में एक बार फिर बदलाव देखने को मिल सकता है प्रदेश टीम में जहां नए पदाधिकारियों की एंट्री हो सकती है। वहीं जयपुर समेत सात जिलों में अध्यक्ष पद पर बदलाव किया जा सकता है।