विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा का बार-बार बीकानेर आना सुर्खियों में है। इसे लेकर कई तरह के अंदाज लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन दौरों के माध्यम से लोकेश शर्मा यहां अपने लिए सियासी जमीन की तलाश कर रहे हैं।
उनकी नजर बीकानेर पूर्व और पश्चिम दोनों पर है और बार-बार यहां आकर विशेषाधिकारी शर्मा इन संभावनाओं को टटोल रहे हैं। अपने दौरों के दौरान मुख्यमंत्री से सीधे-सीधे जुड़े नेताओं से भी मिल रहे हैं। लोकेश शर्मा का बीकानेर के कद्दावर नेता रहे स्व. भवानी शंकर शर्मा के परिजनों से मिलना और कांग्रेस को मजबूत करने में उनके योगदान को याद करना, यूं ही नहीं हो रहा। वे एक और वरिष्ठ नेता शिवशंकर हर्ष की हाल-चाल पूछने उनके घर जाते हैं। सेवादल के पुराने नेता नरसिंह दास व्यास से मिलते हैं।
हीरालाल हर्ष, हजारीमल देवड़ा और अरविंद मिढ्ढा जैसे नेताओं से मिलकर शायद लोकेश शर्मा यही संदेश देना चाहते हैं कि सभी कार्यकर्ता पार्टी की असली ताकत है।
वही कांग्रेस के उभरते नेता ऋषि कुमार व्यास, आनंद जोशी, जाकिर हुसैन नागौरी, इनायत अली कुरैशी, तोलाराम सियाग, दुर्गादास छंगाणी, किशन तवर और राहुल जादूसंगत आदि को साथ रख यह संदेश भी देना चाहते हैं, कि कांग्रेस में पार्टी को मजबूत करने में युवाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
इन सबके बीच हालिया दौरे में कांग्रेस के महासचिव अनिल कल्ला से हुई मुलाकात भी कहीं-ना-कहीं समन्वय की इस संभावना को बल देती है।
यह महज संयोग नहीं है कि लोकेश शर्मा शहरी परकोटे के पुष्करणा बाहुल्य क्षेत्रों के अलावा अनुसूचित जाति, माली, जाट और अल्पसंख्यक वर्ग के क्षेत्रों में कार्यक्रम में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं, बल्कि इन सभी के पीछे ‘हिडन एजेंडा’ है, क्योंकि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राजस्थान में एक-एक बार दोनों दलों की सरकार बनने की परंपरा टूटे और कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई ऐतिहासिक योजनाएं धरातल पर उतरे।
निसंदेह लोकेश शर्मा के बार-बार हो रहे दौरे अशोक गहलोत के मिशन 156 प्लस के महायज्ञ में एक आहुति देने का प्रयास पर हो सकता है, इसमें कोई अतिशयोक्ति की नहीं है।