हस्तु का सहारा बना शिविर, मिला संबल

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। प्रशासन गांवों के संग और महंगाई राहत शिविर जैसलसर की हस्तु देवी पत्नी सरदारा राम के लिए राहत लाया। सिर्फ 27 साल की अल्पायु में पति को खोने वाली हस्तु के लिए मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। उसके तीन छोटे बच्चे हैं।
महंगाई के दौर में इन बच्चों को पढ़ा पाना तो दूर, गुजर बसर भी मुश्किल भरा है। इन सबके बावजूद वह जैसे-तैसे अपने तीनों बच्चों को पढ़ा रही है। उसका पहला बच्चा पहला बच्चा चौथी, दूसरी बच्ची तीसरी कक्षा और तीसरा बच्चा आंगनबाड़ी में पढ़ रहा है।
गांव में प्रशासन गांवों के संग शिविर लगा तो वह तीनों बच्चों को साथ लेकर शिविर स्थल पहुंची। उसने शिविर प्रभारी से सहायता का आग्रह किया। इस पर शिविर प्रभारी ने सह-प्रभारी को इन बच्चों का मुख्य्मंत्री पालनहार योजना में आवेदन करवाने के लिए निर्देशित किया। इस पर मुख्यमंत्री पालनहार योजना से संबंधित दस्तावेज तैयार करवाकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्मिक ने आवेदन करवाया। इसे ऑनलाइन करवाते हुए विभाग से मुख्यमंत्री पालनहार योजना में तीनों बच्चे सुरेंद्र, मोनिका और रामदेव का निराश्रित पेंशन (विधवा माता-पिता के बच्चे) योजना में त्वरित गति से ऑनलाइन पीपीओ जारी करवा दिया। शिविर प्रभारी हस्तु को पीपीओ सौंपा तो माता माहौल भावुक हो गया। हस्तु ने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।