विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। डेंगू के वायरस को फैलाने वाला मादा एडीज एजिप्टी मच्छर साफ पानी में अंडे देता है और दिन में काटता है। एक छोटे ढक्कन जितने पानी में भी लार्वा पनप सकते हैं इसलिए घर व आस-पास कहीं भी पानी इकठ्ठा या खड़ा न रहने दें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें ताकि कोई भी टाइगर मच्छर का शिकार ना बने। मंगलवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में उपस्थित पार्षदगण व स्टाफ को संबोधित करते हुए सीएमएचओ डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने आमजन में अधिकाधिक जन-जागरण करने की अपील की। डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि मई माह में डेंगू दिवस मनाने के पीछे कारण भी यही है कि आगामी बारिश के मौसम से पहले ही मच्छरों के प्रति आमजन को सजग किया जा सके। उन्होंने एंटी लार्वा गतिविधियों की जानकारी देकर प्रत्येक सप्ताह ईमानदारी से अपने घर-मौहल्ले में अपनाने की अपील की। एपिडेमियोलोजिस्ट नीलम प्रताप सिंह ने इस वर्ष की थीम “डेंगू को हराने के लिए मजबूत साझेदारी करें” के उद्देश्य अनुसार सरकार व समाज के सभी वर्गों को सामूहिक जिम्मेदारी के साथ डेंगू को हारने की अपील की।
नगर निगम उपायुक्त राजेन्द्र कुमार व विभिन्न पार्षदगण ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर जिला आशा समन्वयक रेणु बिस्सा, एएमओ अशोक व्यास, डॉ रेखा रस्तोगी, डॉ बेनजीर अली, डॉ महेश मिड्ढा, डॉ दिनेश बिनावारा, डॉ जिब्रान, डॉ समीर मोहम्मद, दिनेश श्रीमाली सहित शहरी क्षेत्र के चिकित्साधिकारी व पीएचएम उपस्थित रहे। इसके आलावा जिले भर के पीएचसी-सीएचसी व उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एंटीलार्वा व जनजागरण की गतिविधियाँ आयोजित हुई।
डेंगू के लक्षण
डॉ. अबरार ने बताया कि डेंगू के लक्षण संक्रमण के 3 से 13 दिन बाद सामने आते हैं। डेंगू में अचानक तीव्र ज्वर होता है, जिसके साथ-साथ तेज सिर दर्द होता है, मांसपेशियों तथा जोडों मे भयानक दर्द होता है। इसके अलावा शरीर पर लाल चकते भी बन जाते है जो सबसे पहले पैरों पे फिर छाती पर तथा कभी कभी सारे शरीर पर फैल जाते है। इसके अलावा पेट खराब हो जाना, उसमें दर्द होना, कमजोरी, दस्त लगना, निरंतर चक्कर आना, भूख ना लगना भी लक्षण रूप मे ज्ञात है। शास्त्रीय तौर पर ये ज्वर 6-7 दिन रहता है ज्वर समाप्ति के समय फिर से कुछ समय हेतु ज्वर आता है, जब तक रोगी का तापक्रम सामान्य नहीं होता है तब तक उसके रक्त मे प्लेटलेटस की संख्या कम रहती है।
एलाइजा टेस्ट से पुष्टि
डॉ. लोकेश गुप्ता ने बताया कि डेंगू के लक्षण पाए जाने पर रैपिड टेस्ट एनएस 1 जांच की जाती है जिसमे पॉजिटिव आने पर मरीज का इलाज शुरू कर एलाइजा टेस्ट करवाया जाता है जो पॉजिटिव आने पर ही उसे डेंगू की पुष्टि होती है। बीकानेर में जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में ये सुविधा उपलब्ध है।