विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। संभाग की सबसे सबसे बड़े चिकित्सालय प्रिंस बिजय सिंह मेमोरियल अस्पताल के श्वसन रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गुंजन सोनी द्वारा वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान तेजी से फैल रहे संक्रमण को नियंत्रण करने हेतु सफाई व्यवस्था से लेकर मरीजों के बेहतर उपचार, दवाइयों की उपलब्धता पर विशेष मोनिररिंग रखकर विभाग को एक रॉल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करके नवीन कदम उठाया गया है।
अभी के हालातों में जहां चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था महज एक खानापूर्ति बनी रहती है ऐसी परिस्थितियों में स्वयं डॉक्टर सोनी ने इसे गंभीरता से लेकर भीड़ कंट्रोल करने का सिस्टम डवलप किया गया है इससे मरीज व उनके परिजनों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण होगा, कोरोना काल मे इस प्रकार के नवाचार निश्चित ही सराहनीय कदम है, विभाग के वार्ड को देखने से एकबारगी ऐसा लगता है मानो प्राइवेट हॉस्पिटल भी एक बार ऐसी व्यवस्था न कर पाए
जिस शहर में प्रतिदिन 800 से अधिक कोविड पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं वहां पर साफ सफाई से लेकर बेहतर उपचार प्रदान करने वाली डेडिकेटेड टीम सहित ऐसी चाकचौबंद व्यवस्था तारीफे काबिल है, डॉ. सोनी के इस नवाचार से बाकी विभाग के अध्यक्षों को भी प्रेरणा लेकर अपने स्तर पर ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, सफाई व्यवस्था आज के दौर में एक सिक्के दूसरे पहलू की तरह महत्वपूर्ण हो गयी है ऐसी परिस्थितियों में सामूहिक प्रयासों से कोविड पेडडेमिक से मुकाबला किया जा सकता है।
1937 में निर्मित श्वसन रोग विभाग की इमारत को मरम्मत हेतु स्थानीय विधायकों, भामाशाहो एवं जिला प्रशासन के सहयोग की है तुरन्त आवश्यकता
श्वसन रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. गुंजन सोनी ने विनय एक्सप्रेस को बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए बीकानेर शहर में सांस रोगियों के आपात स्थितियों में वृद्धि के कारण भविष्य में आने वाली विपत्तियों से निपटने के लिए आईसीयू सेमी आईसीयू डीलक्स वार्ड्स कॉटेज वार्डों के साथ वर्तमान ओपीडी के ऊपर नई इमारत बनाने की आवश्यकता है क्योंकि आने वाले वर्षों में सभी रोगियों को श्वसन देखभाल की आवश्यकता होगी क्योंकि कोविड-19 वायरस ने सर्वाधिक फेफड़ों को नुकसान पहुंचाया है।
यह भवन 1937 में निर्मित बहुत पुराना है और वार्ड की छत में से एक क्षतिग्रस्त है, जिसे सुरक्षा कारणों से वार्ड बंद किया हुआ है और छत को बदलने के लिए अनुमानित बजट 10 लाख रुपये की आवश्यकता है क्योंकि आईपीडी मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है, इसलिए जिला प्रशासन, स्थानीय विधायकों, भामाशाहों को अपने शहर हेतु दिल खोल कर सहयोग करना चाहिए।
85 वर्ष पुरानी श्वसन रोग विभाग की इमारत को भी अपने स्तर उचित देखभाल करना वास्तव में तारीफे काबिल है। टीम विनय एक्सप्रेस बीकानेर के विधायकों भामाशाहों एवं जिला कलेक्टर से आग्रह करता है कि 85 वर्ष पुरानी बिल्डिंग में यथा शीघ्र आवश्यक मरम्मत कार्य करवाया जाए जिससे चिकित्सकों की टीम को बेहतर उपचार प्रदान करने में कोई परेशानी न उठानी पड़े।