सहजन के मूल्य संवर्धित उत्पादों के संबंध में जिला कलेक्टर ने चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ किया मंथन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजीविका की एसएचजी की महिलाओं द्वारा स्थापित प्रदेश की पहली मोरिंगा प्रोसेसिंग यूनिट के उत्पादों की गुणवत्ता और इसकी मार्केटिंग के संबंध में सोमवार को आयुर्विज्ञान और आयुर्वेद विभाग के विशेषज्ञों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि एसएचजी की महिलाओं द्वारा मोरिंगा और ड्रम स्टिक पाउडर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह उत्पाद श्री बालाजी राजीविका महिला सर्वांगीण विकास सहकारी लिमिटेड बीठनोक द्वारा बनाए गए हैं। शीघ्र ही इनका विपणन प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने सहजन के औषधीय गुणों के बारे में बताया और कहा कि इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन, आयरन और प्रोटीन पाया जाता है। यह एनिमिक लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके मद्देनजर जिले में सहजन के पौधे लगाए जा रहे हैं। इस दौरान चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक आधार पर इसके गुणों पर सहमति जताई और सुझाव दिया कि पाउडर के पैकेट पर एक्सपायरी डेट लिखी जाए। साथ ही गर्भवती महिलाओं और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज चिकित्सकीय देखरेख और निर्देहसानुसार इसका उपयोग करें, इसके लिए भी जागरूक किया जाए। चिकित्सकों ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण बताया और इसके प्रोत्साहन में सहयोग का विश्वास दिलाया।
इस दौरान जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., प्रशिक्षु आईएएस यक्ष चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पवार, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पी. के. सैनी, डॉ. सुरेंद्र वर्मा, डॉ. गौरी शंकर जोशी, डॉ. नवल गुप्ता, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. घनश्याम रामावत, उपनिदेशक डॉ. नंदलाल मीणा राजीविका के जिला प्रबंधक राजेंद्र बिश्रोई सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।