विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। कोविड मरीजों में ऑक्सीजन के सही स्तर को बनाए रखने के लिए सेल्फ प्रोनिंग व ऑक्सीजन थेरेपी कारगर साबित हुई है। प्रोनिंग थेरैपी में मरीज को उल्टा लेटा कर उसके फेफड़ों को फैलाव हेतु सुविधा दी जाती है जिससे मरीज का ऑक्सीजन स्तर सुधर जाता है। इसी प्रकार ऑक्सीजन थेरेपी द्वारा मरीज के ऑक्सीजन स्तर को मॉनिटर कर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति होती है। लेकिन महामारी के वक्त ऑक्सीजन के यथोचित उपयोग द्वारा ऑक्सीजन की छीज़त को भी रोकना बड़ी जिम्मेदारी है। कोविड से जुड़े इन गंभीर विषयों को लेकर सीएमएचओ कार्यालय की आईडीएसपी सेल, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग व एनएसथीसिया विभाग तथा डब्ल्यूएचओ के संयुक्त तत्वावधान में समस्त चिकित्सकों नर्सिंग कर्मचारियों सहित सभी अधिकारियों को प्रोनिंग व ऑक्सीजन थेरेपी का प्रशिक्षण ऑनलाइन वीसी द्वारा दिया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुकुमार कश्यप ने बताया कि विभाग का प्रयास है कि प्रोनिंग थेरेपी के फायदे गांव गांव तक पहुंचाए जाए ताकि घर पर ही कोविड मरीज को राहत मिल जाए और अनावश्यक चिकित्सालय पर पड़ रहे भार में भी कमी आए। मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ संजय कोचर द्वारा दोनों ही पद्धतियों को कोविड के विरुद्ध बहुत ही कारगर व प्रभावी बताया। उन्होंने तकनीकी पहलू पर विस्तृत जानकारी दी। एनेस्थीसिया विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ सोनाली ने ऑक्सीजन थेरेपी की प्रक्रिया के लाभ तथा यथोचित उपयोग द्वारा ऑक्सीजन की बचत पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ कांता भाटी व डॉ कीवी द्वारा प्रोनिंग थेरेपी की संपूर्ण प्रक्रिया प्रेजेंटेशन द्वारा समझाई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि किन्हे थेरेपी दी जा सकती है व किन्हें वर्जित है। डिप्टी सीएमएचओ डॉ योगेंद्र तनेजा ने प्रोनिंग जैसी अत्यंत लाभकारी तकनीक को विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण द्वारा जन जन तक पहुंचाने की अपील की। ज़िला स्तर पर कार्डियोलॉजी विभाग के सेमिनार हाल में आरसीएचओ डॉ राजेश गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ अनुरोध तिवारी, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीलम प्रताप सिंह राठौड़, महेंद्र जयसवाल व जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद रहे। खंड स्तर तथा स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सक, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ सहित एएनएम व एलएचवी ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया ।