साहित्यकारों ने दिया शत प्रतिशत मतदान का संदेश : राष्ट्रीय कवि चौपाल में पेश की रचनाएं

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।  मतदाता जागरूकता की मुहीम से अब बीकानेर के कवि, कथाकार और साहित्यकार भी जुड़ गए हैं। रविवार को फोर्ट स्कूल के भ्रमण पथ पर आयोजित राष्ट्रीय कवि चौपाल में कवियों ने मतदान के प्रति प्रेरित करते गीत और कविताएं प्रस्तुत की। सभी कवियों ने एक स्वर में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदान के लिए प्रेरित किया। जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप प्रकोष्ठ के सदस्यों ने भी इस दौरान मतदान के महत्व के बारे में बताया। कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोकतंत्र के महापर्व में निर्भीक होकर और निष्पक्ष रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संदेश दिया, जिससे हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके।
कवियों ने ‘हमको करना है मतदान, यह है हमारा अधिकार…’ , ‘लो आ गया फिर लोकतंत्र का त्यौहार… ‘, ‘वोट डालकर आएंगे, लोकतंत्र मजबूत बनाएंगे… ‘, ‘वोट डालना सच्ची देशभक्ति है.. ‘ जैसी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया और संदेश दिया कि मताधिकार का प्रयोग करना आवश्यक है। यह हमारा कर्तव्य होने के साथ दायित्व भी है।
साहित्यकार संजय पुरोहित ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक किया जाए, जिससे प्रत्येक मतदाता 25 नवंबर को प्रातः 7 से सायं 6 बजे के बीच सबसे पहले मतदान करे। इस दौरान स्वीप प्रकोष्ठ के सुधीर कुमार मिश्रा ने भारत निर्वाचन आयोग के सी विजिल ऐप, केवाईसी व सक्षमा ऐप के बारे में जानकारी दी तथा स्वीप प्रकोष्ठ की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
इन्होंने सुनाई रचनाएं
राष्ट्रीय कवि चौपाल के दौरान वरिष्ठ कवि सरदार अली पड़िहार, कमल किशोर पारीक, वली मोहम्मद गौरी, धर्मेंद्र राठौड़, असद अली असद, माजीद खान, कृष्ण वर्मा, किशन नाथ खरपतवार, सिराजुद्दीन भुट्टो, किशन लाल बिश्नोई, पवन कुमार चढ्ढा, लीलाधर सोनी, जुगल किशोर पुरोहित, तुलसीराम मोदी, निर्मल कुमार शर्मा, कृष्णा वर्मा, गोपाल स्वर्णकार और स्वीप प्रकोष्ठ के हरिहर राजपुरोहित आदि ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने का पाठ पढ़ाया। इस दौरान सभी ने मतदान करने तथा दूसरों को प्रेरित करने की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि बाबू लाल छंगाणी ने किया।