बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय दुवारा “वित्तीय जागरूकता के माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

वित्तीय परिदृश्य में फैले जोखिम के प्रति उपभोक्ता में जन जागरूकता एवं सामाजिक चेतना लाने के लिए आर्थिक मुद्दों से जुड़े विषयो पर विशेषज्ञों ने दिया परामर्श

वित्तीय जोखिमों को नियंत्रित करने हेतु जागरूकता आवश्यक : प्रो.अम्बरीश शरण विद्यार्थी, कुलपति

मुद्रास्फीति को मात देने के लिए निवेश करना आवश्यक : मुनीश सभरवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट,एसबीआई म्यूचुअल फंड

विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। तकनीकी विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालय यूसीईटी, एमआईटीआरसी अलवर एवं एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में “वित्तीय जागरूकता के माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ।

सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि वित्तीय जागरूकता आज अधिकांश देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बन गई है क्योंकि यह देश के आर्थिक विकास के सीधे आनुपातिक है। भारत में, वित्तीय साक्षरता अभी भी अन्य विकसित देशों की तरह प्राथमिकता नहीं बन पाई है। बुनियादी वित्तीय ज्ञान की कमी के परिणामस्वरूप खराब निवेश और वित्तीय निर्णय होते हैं। अतः वर्तमान पीढ़ी की वित्तीय जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वेबिनार आयोजित किया गया जहां उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का उपयोग करके प्रभावी वित्तीय योजना बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय अवधारणाओं, ज्ञान और कौशल पर चर्चा की गई।कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो.अम्बरीष शरण विद्यार्थी बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने उदबोधन में कहा कि वित्तीय जागरूकता के माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण आज के समय में एक समीचीन विषय है। वर्तमान समय में कोरोना हमारे सामने कई प्रश्न लेकर आया है, इस काल मे अपने अस्तित्व को बचाने के साथ साथ वित्तीय सशक्तिकरण भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। आज के शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए वित्तीय नियोजन सीखना एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने वित्त और वित्तीय प्रबंधन की प्रासंगिकता के बारे में बात की। उन्होंने ऐसे विषय के चयन की सराहना की जो समय की मांग है।

कार्यक्रम के संरक्षक व विश्वविद्यालय के निदेशक अकादमिक डॉ यदुनाथ सिंह ने कहा की एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फण्ड इन इंडिया साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के तहत इस विषय पर वेबिनार का आयोजन किया है। उन्होंने प्रतिभागियों के दृष्टिकोण को प्रबुद्ध करने के लिए महामारी की स्थिति के वर्तमान परिदृश्य में आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की और बधाई दी।

कार्यक्रम के संरक्षक प्रो एस के शर्मा ने वेबीनार के विषय को उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के समसामयिक विषयों पर वेबीनार आयोजित करने की आवश्यकता बताई । वेबीनार के मुख्य वक्ता श्री मुनीश सभरवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड-नॉर्थ, एसबीआई म्यूचुअल फंड, द्वारा अपने वक्तव्य में वर्तमान समय में वित्तीय जागरूकता के महत्व को प्रस्तुत किया गया।

श्री सभरवाल ने सर्वप्रथम वित्तीय निवेश की प्रासंगिकता के बारे में चर्चा करके अपनी बात शुरू की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीवन बीमा के बारे में अपनी गलतफहमी के कारण लोग आमतौर पर क्या गलतियाँ करते हैं, जहां उन्होंने कहा कि बीमा रिस्क कवरेज के लिए है न कि निवेश के लिए। उन्होंने बताया कि हमें ऐसे वित्तीय निवेशों को चुनने की जरूरत है जो हमारे दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करें और मुद्रास्फीति के निशचित रिटर्न्स प्रदान करें । उन्होंने कहा कि वित्त में हमेशा जोखिम होता है, इसलिए हमें मुद्रास्फीति को मात देने के लिए निवेश करने की आवश्यकता है। उन्होंने बचत का अहम् मंत्र, जो कि है पहले बचाओ फिर खर्च करो का उल्लेख किया तथा यह कहना कि धन सृजन आय का कार्य है, बिल्कुल भी सत्य नहीं है पर जोर दिया। यह महत्वपूर्ण है कि हम नियमित रूप से बचत करने और अपनी बचत को अपनी आय से अलग रखने की आदत डालें। उन्होंने समझाया कि व्यवस्थित निवेश की मूल बातें नियमित निवेश और मासिक आधार पर बचत है । लोग नियमित रूप से बचत क्यों नहीं करते इस बात कि जानकारी देते हुऐ श्री सभरवाल ने चार कारणों को उजागर करते हुए बताया कि, वित्तीय लक्ष्यों के लिए योजना बनाने के बारे में जागरूकता की कमी पहला कारण है। दूसरा कारण है मासिक खर्च के बाद आय में से पैसे का न बचना, तीसरा कारण निवेश का ट्रैक रिकॉर्ड रखने की परेशानी, एवं चौथा कारण कंपाउंडिंग की शक्ति से अनजान। अंत में उन्होंने भविष्य के मूल्य को बढ़ाने के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की और उन्होंने कहा कि धन सृजन भविष्य के मूल्य में वृद्धि के अलावा और कुछ नहीं है

श्री दिलीप सिंघल, वरिष्ठ प्रबंधक एनएसडीएल ई गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, ने एनपीएस के बारे में विस्तार से बताया, जहाँ पे उन्होंने सेवानिवृत्ति योजना के बारे में चर्चा की कार्यक्रम के संयोजक डॉ ममता शर्मा पारीक व कार्यक्रम के समन्वयक डॉ रूमा भदौरिया बताया कि इस निशुल्क वेबीनार में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया जिसमें शिक्षक ,कर्मचारी विद्यार्थीगण तथा आम निवेशक भी प्रतिभागी हैं । वेबिनार के अन्य समन्वयक श्री संजय अग्रवाल और एमआईटीआरसी अलवर से श्री विकास महलावत भी मौजूद रहे। श्री मुनीश सभरवाल ने प्रश्नोत्तर काल में सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। प्रश्नोत्तर काल का संचालन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ संजय अग्रवाल एवम् विकास महलावत द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के संरक्षक एमआईटीआरसी अलवर के प्रिंसिपल प्रो. एस के शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया । प्रो. एस के शर्मा ने वेबीनार के विषय को उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के समसामयिक विषयों पर वेबीनार आयोजित करने की आवश्यकता बताई। सुश्री पलक गुप्ता द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।