अश्फाक उल्ला साझा संस्कृति के पैरोकार थे : कमल रंगा

प्रतिभाओं का सम्मान करना अदब का सम्मान है-मकसूद

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। फ्रेंड्स एकता संस्थान की ओर से गत वर्षो की परंपरा के तहत शहीदे आजम अश्फाक उल्ला खां वारसी के 96वीं पुण्यतिथि पर उन्हें और काकोरी टेªन काण्ड के शहीदों को नमन स्मरण करते हुए स्थानीय नागरी भण्डार स्थित नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में नगर की हिन्दी, उर्दू, राजस्थानी के साहित्यकारों के साथ खेल लेखन की प्रतिभा का समारोह में सम्मान किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष शायर वली मोहम्मद गौरी ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि अश्फाक उल्ला खां सांझा संस्कृति के पैरोकार थे। प्रतिभाओं का सम्मान करना एक सुखद पहल है इसी के साथ सम्मानित प्रतिभाओं को ऐसे सम्मान से प्रोत्साहन मिलता है। वहीं चुनौतियां भी मिलती है। सम्मानित प्रतिभाएं इसका मुकाबला करने में पुर्णतः सक्षम है।
रंगा ने आगे कहा कि शहीदों को नमन करना और उनके बलिदान को जन-जन तक ले जाना महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए आयोजक वली गौरी उनकी संस्था साधुवाद की पात्र है।
समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व महापौर एवं शायर मकसूद अहमद ने कहा कि यह सम्मान बीकानेर के अदब और हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी के साहित्यकारों का है। उन्होंनंे कहा कि कलम से बडी से बडी जंग जीती जा सकती है। आज के दौर में हमे नई पीढी को ऐसे शहीदों की जीवनी एवं सही इतिहास बताने की जरूरत है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शायर जाकिब अदीब ने कहा कि शहीदो ने जिस मकसद से आजादी के लिए शहादत दी वह मकसद आज भी अधुरा है। हम शहीदों के कर्जदार है। हम उन्हें कभी भी चुका नहीं पाएंगे।
अशफाक उल्ला सम्मान समारोह ने उर्दू साहित्य के लिए महत्वपूर्ण कार्य करने वाली प्रतिभा वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी का एवं राजस्थानी साहित्य में अपनी महत्वपूर्ण सेवा देने के लिए डॉ गौरी शंकर प्रजापत एवं खेल लेखन में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा की पहचान बनाने वाले आत्माराम भाटी का खेल लेखन के क्षेत्र में माला, श्रीफल, शॉल, अभिनन्दन पत्र, प्रतिक चिह्न आदि समारोह अध्यक्ष कमल रंगा मुख्य अतिथि मकसुद अहमद, विशिष्ट अतिथि जाकिर अदीब, एवं संस्था अध्यक्ष वली गौरी द्वारा अर्पित कर सम्मानित किया गया।
संस्था के अध्यक्ष वली ने इस अवसर पर कहा कि अदब का सम्मान करना हमारा सम्मान करना है। इसके साथ-साथ उन्होंने अशफाक उल्ला खां के व्यक्तित्व के अनेक अनछुए प्रसंग साझा किए।
संस्था के प्रतिनिधि एवं नौजवान शायर मुफ्ती अश्फाक उल्ला खां ने संस्था के कार्यो की जानकारी देते हुए शहीदों की शहादत को नमन करना समाज का दायित्व बताया।
प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए वरिष्ठ शायर एवं उर्दू अकादमी के पूर्व सदस्य इरशाद अजीज ने कहा कि शहीदों को नमन करना पुनीत कार्य है। वहीं प्रतिभाओं का सम्मान करना एक दायित्व निवर्हन करना है।
सम्मानित प्रतिभाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक योगदान को रेखंाकित किया। वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं कवि संजय सांखला ने।
इस महत्वपूर्ण सम्मान समारोह मेें नगर के अनेक गणमान्य जिनमें नन्दकिशो सोलंकी, डॉ अजय जोशी, राजेन्द्र जोशी, बुनियाद हुसैन, डॉ. जिया उल हसन कादरी, गंगा बिशन बिशनोई, संजय पुरोहित, सरदार अली परिहार, अनिश, गुंलफाम माहि, मईनुद्दीन, डॉ फारूक चौहान, असद अली असद, जुगल किशोर पुरोहित, शमी, बागेश्वरी संस्थान के अब्दुल शकुर बिकाणवी के अध्यक्ष, सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर सम्मानित प्रतिभाओं का बागेश्वरी संस्थान ने शॉल ओढाकर सम्मान किया। समारोह का सुंदर संचालन वरिष्ठ कवि संजय आचार्य वरूण ने किया। वहीं सभी का आभार कवि गिरीराज पारीक ने ज्ञापित किया।