विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजकीय विधि महाविद्यालय में सहायक आचार्य डॉ रितु चौधरी, डॉ मल्लिका परवीन एवं श्री हेम सिंह के निर्देशन में अवध प्रकाश बनाम शांति देवी (अन्तर्गत हिन्दू विवाह अधिनियम 1995 धारा 13 (1) (1a) o 13 (1)(1b) ) सिविल मामले का मंचन महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा न्यायालय की पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए किया गया। इस मामले में याची अवध प्रकाश के पक्ष में पारिवारिक न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाते हुए विवाह विच्छेद की डिक्री पारित की गई।
इस मूट कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में जयश्री याची अधिवक्ता के रूप में जीतू सिंह, राहुल अरोड़ा एवं अंकिता चौधरी तथा अयाची अधिवक्ता के रूप में अश्वनी शर्मा, प्रेमलता बच्छ व प्रदीप जोईया ने भूमिका निभाई। स्टेनो के रूप में रेणू पेशकार के रूप में अवनि एवं मध्यस्थ की भूमिका रमजान द्वारा निभाई गई।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में रामपुरिया विधि महाविद्यालय के सह आचार्य डॉ रितेश व्यास ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विधि विद्यार्थियों को सफल अधिवक्ता बनने के लिए अनुशासन,मेहनत एवं लगन की महतत्ता को समझते हुए विधि व्यवसाय को अपनाना चाहिए। इसी क्रम में अतिथि के रूप में आर.एन.बी.ग्लोबल विश्वविद्यालय बीकानेर के सह आचार्य डॉ अशोक प्रेम ने विद्यार्थियों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मूट कोर्ट न्यायालय में भागीदारी से विद्यार्थियों में व्यवहारिक कुशलता का विकास तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
तत्पश्चात् महाविद्यालय प्राचार्य प्रो भगवाना राम बिश्नोई ने मूट कोर्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार की मूट कोर्ट से छात्रों का न्यायालय में उपस्थित होने का ढंग,अभिवचन का प्रारूप,वाद पत्र की विरचना, लिखित कथन एवं उनका प्रारूप विचारण से पहले की तैयारी एवं व्यवसायिक शिष्टाचार का ज्ञान होता है। कार्यक्रम के विशेष अतिथि सेवानिवृत डीडीपी श्री एम.डी.उपाध्याय ने छात्रों के मध्य अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि मूट कोर्ट से विधि विधार्थियों को बार एवं बैच की मर्यादाओं से अवगत कराया जाता है। जिससे की भविष्य में सफलतापूर्वक विधिक क्षेत्र में कार्य कर सके। कार्यक्रम में छात्रसंघ अध्यक्ष श्री रेवन्त सिंह भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ रितु चौधरी द्वारा किया गया एवं धन्यवाद डॉ कुमुद जैन द्वारा ज्ञापित किया गया।कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों द्वारा विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्रों का वितरण किया गया।