राज्‍य अभिलेखागार का अभिलेख सप्ताह : अभिलेख प्रदर्शनी और शोधार्थी विमर्श बैठक आयोजित व विद्यार्थियों ने किया नि:शुल्क भ्रमण

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान राज्य अभिलेखागार के अभिलेख सप्ताह के तहत मंगलवार को ‘1857 की क्रांति में राजपूताना का योगदान’ विषय पर अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने लगातार दूसरे दिन अभिलेख संग्रहालय का नि:शुल्क अवलोकन किया। इसमें राजकीय विधि महाविद्यालय, बीजेएस रामपुरिया महाविद्यालय, डूंगर महाविद्यालय, संवित शिक्षण संस्थान, राजस्थान बाल मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय संस्कृत विद्यालय और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लूणकरणसर के तीन सौ से अधिक छात्र छात्राओं ने अभिलेख म्यूजियम का भ्रमण किया।


दूसरे दिन शोधार्थी विमर्श बैठक का आयोजन किया गया। इसमें शोध की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अभिलेखागार के पूर्व और वर्तमान शोधार्थियों के साथ डिजिटाईजेशन की टीम एवं प्रो. एस.के. भनोत, डॉ. नंदिता सिंघवी, डॉ. चन्द्रशेखर, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. राजशेखर, डॉ. मो. फारूख, प्रो. लतिका, आदि ने शोध एवं बहियों की भाषा संबंधी एवं हुए डिजिटाईजेशन में त्रुटियों को दूर करने के सुझाव दिए।
इतिहास पर शोध करने वालों का बनेगा डाटा बैंक
अभिलेखागार निदेशक ने बताया कि विश्वभर में राजस्थान के इतिहास पर शोध करने वालों का डाटाबैंक बनाने एवं राजस्थान राज्य अभिलेखागार की सेवाएं शोधार्थियों तक ऑनलाइन/ऑफलाइन मोड में सुगमता से पहुंचाने की दृष्टि से राज्य अभिलेखागार द्वारा एक गूगल फीडबैक फॉम जारी किया गया। प्रो. शिव कुमार भनोत ने इस लॉन्च किया। शोध क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए शोधार्थियों से सुझाव लेने के लिये गूगल स्कॉलर फार्म का लिंक अभिलेखागार की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया। अभिलेखागार निदेशक ने बताया कि राजस्थान राज्य अभिलेखागार ऐसी व्यवस्था लागू करने के हिसाब से देश में अग्रणी है। ‘आर्काइव एट योर होम’ मुहिम के तहत अभिलेखागार द्वारा नियमित प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे आमजन एवं शोधार्थियों तक अभिलेखागार की पहुंच को बढ़ाया जा सके एवं भारतीय विरासत के प्रति चेतना जागृत की जा सके।


सहायक निदेशक रामेश्वर बैरवा ने स्वतंत्र शोध करने वाले शोधार्थियों की अभिलेखागार शोध कक्ष में अनुमति की प्रक्रिया को साझा की। डॉ. दलीप वर्मा ने शोधार्थियों को पुरानी बही लिपि के अध्ययन के संबंध में आने वाली भाषा संबंधी समस्याओं को दूर करने हेतु भाषा विशेषज्ञों की सेवाएं मुहैया करवाने हेतु प्रयास शीघ्र करने का आश्वा‍सन दिया। सहायक निदेशक डॉ. हरिमोहन मीना ने आभार जताया। अभिलेख सप्ताह के तहत 6 मार्च को अभिलेखागार में व्याख्यानमाला का आयोजन होगा। सात को विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राष्‍ट्रीय संगोष्ठी ‘राजस्थान के इतिहास में महिलाओं की स्थिति एवं भूमिका’ विषय पर व्याख्यान होगा।