डॉ. कल्ला ने सिर्फ भवन स्वीकृत करवाया, अस्थाई कार्मिक लगवाए तो दूसरे संस्थानों की बिगड़ी व्यवस्था
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने पूर्व मंत्री डॉ. बुलाकीदास कल्ला द्वारा मुक्ता प्रसाद कॉलोनी और गंगाशहर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह को भेजे गए पत्र को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा है डॉ. कल्ला यह मान रहे हैं कि विधानसभा चुनाव की आचार सहिता प्रभावी होने के कारण इन पदों की स्वीकृति नहीं हो पाई। ऐसे में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान इस संबंध में पत्र लिखकर डॉ. कल्ला द्वारा अपनी एक और नाकामी को छिपाया जा रहा है। क्योंकि डॉ. कल्ला द्वारा अपने कार्यकाल में सिर्फ भवन ही स्वीकृत करवाए गए। इन भवनों में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर के स्टाफ की स्वीकृति नहीं करवाई गई, जिसे उनकी राजनीतिक दूरदृष्टि की कमी के रूप में लिया जाना चाहिए। दूसरी ओर विधान सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले आनन फानन में इनका उद्घाटन करवाया गया। इस दौरान डॉ. कल्ला के दवाब में तात्कालिक चिकित्सा प्रशासन द्वारा दूसरी डिस्पेंसरियों से अस्थाई स्टाफ नियुक्त किया गया। जिस कारण इन छोटे छोटे स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाएं चरमरा गई। ऐसे में उद्घाटन के चार दिन बाद ही इन शहरी सीएचसी से स्टाफ पुनः हटा लिया गया। विधायक व्यास ने कहा कि इन दोनों संस्थानों में महीनों पूर्व स्टाफ हटा दिया गया था। जिसके संबंध में उन्होंने चिकित्सा मंत्री को अवगत करवा दिया। गत मार्च में पीबीएम अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने चिकत्सा मंत्री श्री गजेंद्र सिंह को इसके बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी थी। उसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार सहिता लग जाने के कारण कोई प्रगति नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री द्वारा सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए किए गए इस अधूरे कार्य को लोकसभा चुनाव के बाद उनके द्वारा पूरा करवाया जाएगा। इस दौरान भवन के रख रखाव और साफ सफाई के लिए रविवार को सीएमएचओ को निर्देशित कर दिया जाएगा। विधायक व्यास ने बताया कि शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में करमीसर के स्वास्थ्य केंद्र में लगभग दो वर्ष तक चिकित्सक नहीं रहा। ऐसे कई अस्पताल रहे, जिनमें पर्याप्त स्टाफ नहीं था। लेकिन कल्ला, मंत्री होने के बावजूद इनमें स्टाफ नियुक्त नहीं करवा पाए और आज इनके द्वारा पत्र लिखकर आमजन की झूठी सहानुभूति लेने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे जनता भली भांति समझ चुकी है।