मेरी जन्मभूमि मेरी जिम्मेदारी : विधायक जेठानंद व्यास ने ली अधिकारियों की बैठक, एक सप्ताह में कार्यों का चिन्हीकरण करने के दिए निर्देश

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।  ‘मेरी मातृभूमि मेरी जिम्मेदारी’ अभियान के तहत शहरी क्षेत्र के भामाशाहों और उद्योगपतियों की कार्यशाला 23 जून को होगी। इससे पूर्व सभी विभागों द्वारा उनके अधीन संचालित कार्यालयों में करवाए जाने योग्य कार्यों और संसाधनों की सूची उपलब्ध करवानी होगी।
बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने गुरुवार को अभियान से संबंधित बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पार्क, चौराहे, सर्कल, तालाब और कुओं आदि के रखरखाव और सौंदर्यकरण आदि में स्थानीय भामाशाहों का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए शहरी क्षेत्र के भामाशाहों के साथ 23 जून को मंथन होगा। इससे पहले सभी विभाग सूची उपलब्ध करवाते हुए शहरी क्षेत्र की स्कूलों और अस्पतालों आदि में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि विभाग यह भी बताएं कि इन कार्यों के लिए सरकारी स्तर पर किन प्रावधानों के तहत राशि स्वीकृत करवाई जा सकती है। साथ ही विभिन्न संस्थानों के क्रमोन्नति के प्रस्ताव उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए।
पांच साल में करेंगे आमूलचूल विकास
विधायक व्यास ने कहा कि अगले पांच वर्षों में सरकारी स्तर के अलावा स्थानीय और प्रवासी बीकानेर वासियों के सहयोग से शहरी क्षेत्र में सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास होंगे। शहरी क्षेत्र की समस्त डिस्पेंसरियों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्कूलों में फर्नीचर और स्मार्ट क्लासेस सहित सभी मॉडर्न व्यवस्थाएं विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। विधायक ने बताया कि 23 जून को होने वाली कार्यशाला के दौरान यह सूची स्थानीय भामाशाहों के समक्ष रखते हुए उन्हें मातृभूमि के विकास के लिए प्रेरित किया जाएगा।
बैठक में प्रवासी समन्वयक द्वारका प्रसाद पचीसिया, कार्य चिन्हीकरण समन्वयक राजेश चूरा, नगर विकास न्यास के सचिव सुभाष कुमार, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता, सहायक निदेशक (कॉलेज शिक्षा) डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, जेपी व्यास, हरिओम पुरोहित, पार्षद अरविंद आचार्य और अमित व्यास आदि मौजूद रहे। वीरेंद्र किराडू ने अभियान की रूपरेखा के बारे में बताया। अभियान समन्वयक डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने कार्यक्रम का संचालन किया।