विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर । इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायलॉजिस्ट राजस्थान चैप्टर की ओर से बीकानेर में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक सेमिनार के तीसरे चरण का समापन रविवार को हुआ। दूसरे दिन का मुख्य विषय नेशनल मेडिकल कांउसिल और चिकित्सा शिक्षा रहा। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. अंजलि गुप्ता ने बताया कि रविवार को कान्फ्रेस में पीजी क्विज फैकल्टी डिबेट तथा वेलिडिटरी कार्यक्रम आयोजित हुए।
मेडिकल एज्यूकेशन सत्र ंके दौरान डॉ. गुजरात से आए माइक्रोबॉयलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण शाह और डॉ. सुमन सिंह ने विस्तार से चर्चा की। एनएमसी के मापदण्डों के मुताबिक डॉक्टर्स को कैसे प्रशिक्षित किया जाए विस्तार से बताया। डॉ. प्रवीण शाह ने एनएमसी करिक्यूलर में जो परिवर्तन हुए उसके बारे मे बताया। आईएलबीएस दिल्ली की डॉ. एकता गुप्ता ने जिनोम सिक्वेंसी पर चर्चा की। जिपमेर पॉण्डिचेरी के डॉ. राकेश सिंह ने आंत में परजीवी संक्रमण पर व्याख्यान दिया तथा मेडिकल स्टूडेण्ट्स को डायग्नोस करना सिखाया। लेडि हार्डिंग कॉलेज दिल्ली के डॉ. रंधावा ने मेडिकल स्टूडेंट्स को माइक्रोबियल टाईपिंग सिखाई।
पीबीएम के डॉ.़ पीसी खत्री ने ब्रुफेलोसिस जो कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी पर अपने अनुभव साझा किये। डॉ. अर्चन अंगरू पीजीआई चंडिगढ़ ने ऑक्सिजन की अनुपस्थिति में उगने वाले जीवाणुओ से होने वाले संक्रमण और डायग्नोसिस के बारे में बताया। जयपुर की डॉ. स्मिता सूद ने अस्पताल में होने वाले संक्रमण पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के समापन समारोह के अवसर आयोजित पोस्टर एवं क्विज प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागीयों को सम्मानित किया यह सम्मान एसपी मेडिकल कॉलेज से अंशु अग्रवाल डॉ सुभाष सैनी, असम से डॉ. एश्वर्या, डॉ. भोपाल से डॉ. पायल राजपूत तथा जोधपुर से जयंत रामावत को मिला।
कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति की सचिव डॉ. तरूणा स्वामी ने सभी सहभागीयों का आभार प्रकट किया और कार्यक्रम में अपनी महत्वूर्ण भूमिका निभाने वाले रेजिडेण्ट डॉक्टर्स के कार्यों की सराहना की।