विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा परीक्षा परिणाम की समीक्षा के मानदंड के संबंध मे नया परिपत्र जारी किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री आशीष मोदी ने बताया कि पूर्व में 18 अप्रैल 2016 के परिपत्र द्वारा परीक्षा परिणाम की समीक्षा के मानदंड संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। उक्त परिपत्र के अतिक्रमण में नए प्रावधान एवं आवश्यकताओं को सम्मिलित कर अद्यतन करते हुए उच्च माध्यमिक, उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों के संस्थान प्रधानों एवं शिक्षकों के लिए शैक्षिक सत्र 2024-25 से प्रभावी होने वाले मानदण्डों के संबंध में गत 27 मई को नया परिपत्र प्रसारित किया गया है। इसमें संस्था प्रधान और शिक्षकों के लिए विभिन्न मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
संस्था प्रधान के लिए यह होंगे मानदंड
श्री मोदी ने बताया कि विद्यालय का कक्षा 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत अथवा उससे अधिक तथा कक्षा 5वीं और 8वीं में 90 प्रतिशत या इससे अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने पर संस्था प्रधान को विभाग द्वारा श्रेष्ठ विद्याालय का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। श्रेष्ठ परिणाम के लिए न्यूनतम दस विद्यार्थियों का नामांकन होने पर ही विचार किया जाएगा। यदि विद्यालय में किसी भी एक परीक्षा (कक्षा पांच, आठ, दस और बारह) में परिणाम मानदण्ड से न्यून रहता है, तो संस्था प्रधान को प्रमाण पत्र नहीं किया जाएगा।
शिक्षा निदेशक ने बताया कि विद्यालय का कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत अथवा न्यून एवं 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत अथवा उससे न्यून रहने तथा कक्षा 5वीं और 8वीं के परीक्षा परिणाम में 50 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ई’ ग्रेड प्राप्त करने पर संस्था प्रधान के परीक्षा परिणाम को न्यून माना जाएगा। संस्था प्रधान के रूप में गत पांच वर्षों में (आलोच्य वर्ष सहित) परीक्षा परिणाम एक बार मानदंड से न्यून रहने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी तथा स्थान परिवर्तन किया जा सकेगा। आलोच्य वर्ष सहित लगातार दो वर्षों अथवा गत पांच वर्षों में से किन्हीं 3 वर्ष का परीक्षा परिणाम मानदंड से न्यून रहने पर सीसीए नियम-17 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।
शिक्षकों के लिए यह होंगे मानदंड
श्री मोदी ने बताया कि शिक्षक का कक्षा 12वीं एवं 10वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत अथवा उससे अधिक रहने तथा कक्षा 5वीं और 8वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने पर संबंधित शिक्षक को विभाग द्वारा श्रेष्ठ परिणाम का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। श्रेष्ठ परिणाम के लिए न्यूनतम दस विद्यार्थियों का नामांकन होने पर ही विचार किया जाएगा। यदि विद्यालय में किसी भी एक परीक्षा (कक्षा पांच, आठ, दस और बारह) में परिणाम मानदंड से न्यून रहता है तो शिक्षक को परीक्षा परिणाम के लिए प्रणाम पत्र नहीं दिया जाएगा।
न्यून परीक्षा परिणाम पर होंगे यह प्रावधान
इसी प्रकार शिक्षक का कक्षा 12वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परीक्षा परिणाम 70 प्रतिशत अथवा न्यून एवं कक्षा 10वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परिणाम 60 प्रतिशत अथवा न्यून रहने पर एवं कक्षा 5वीं एवं कक्षा 8वीं में अध्यापक (लेवल-प्रथम अथवा लेवल-द्वितीय जो निर्धारित हो) के कक्षा/विषय के परीक्षा परिणाम में 40 प्रतिशत अथवा अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ई’ ग्रेड प्राप्त करने पर संबंधित शिक्षक के परीक्षा परिणाम को न्यून माना जाएगा।
श्री मोदी ने बताया कि शिक्षक के रूप में गत पांच वर्षों (आलोच्य वर्ष सहित) में परीक्षा परिणाम एक बार मानदंड से न्यून रहने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी तथा स्थान परिवर्तन किया जा सकेगा। आलोच्य वर्ष सहित लगातार दो वर्षों अथवा गत पांच में से कोई 3 वर्ष का परीक्षा परिणाम मानदंड से न्यून रहने पर सीसीए नियम-17 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।