आजादी के नायक भोगीलाल पांड्या की स्मृति में हुआ आयोजन, वक्ताओं ने बताया आजादी का महत्व
विनय एक्सप्रेस समाचार,चुरू। देश की आजादी में अनेक योद्धाओं का योगदान रहा है और उनके बूते पर हम आज आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। भारतीय आजादी आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में मुखर रहा और अहिंसा के मूलमंत्र के साथ देश आगे बढ़ा। इसका न केवल भारत अपितु पूरे विश्व में असर हुआ। यही कारण रहा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर, खान अब्दुल गफ्फार खान, नेल्सन मंडेला और भोगीलाल पांड्या जैसे देश-दुनिया के लोग अपने-अपने क्षेत्र के गांधी नाम से विख्यात हुए और आजादी के असली मायने समझाने में कामयाब रहे।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मंगलवार को जिला प्रशासन और महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से नेहरू युवा केंद्र के सौजन्य से स्थानीय श्रीराम भारती सीनियर सैकण्डरी स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी, पद्मभूषण और वागड़ के गांधी नाम से विख्यात भोगीलाल पांड्या की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए शिक्षाविद ओमप्रकाश तंवर ने ये विचार व्यक्त किए। तंवर ने कहा कि गरीबों और वंचितों के लिए काम करने में अग्रणी आदिवासी क्षेत्र के नायक पांड्या ने सामाजिक बदलाव में शिक्षा को प्राथमिकता से रखा और उस पर काम किया। खादी और ग्रामोद्योग के लिए समर्पित ऎसे व्यक्ति आजादी के बाद और देहांत के चालीस साल बाद भी याद किए जाते हैं तो यह उनके कामों का ही प्रतिफल है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार महला ने कहा कि आज के समय में विद्यार्थियों, युवाओं को सबसे ज्यादा जरूरत है तो अपने गौरवमयी इतिहास से जुड़ने की और उन महापुरुषों को जानने-समझने कि जिनके बूते पर हम आजाद हुए। नेहरू युवा केंद्र के जिला समन्वयक मंगल जाखड़ ने कहा कि बच्चे और युवा आजादी के अमृत महोत्सव शृंखला में हमारे नायकों के बारे में जानें, इस दिशा में ऎसे आयोजन होने बहुत जरूरी हैं। कार्यक्रम में स्वागत महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के चूरू संयोजक रियाजत अली खान ने किया। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक डॉ. दुलाराम सहारण ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में संस्था प्रधान नरेंद्र कुमार, नेहरू युवा केंद्र के नीरज कुमार जांगिड़, अहिंसा प्रकोष्ठ के घनश्याम सिंह राठौड़ का आयोजकीय सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ के प्रभारी उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।