कस्तूरबा ने दिया गांधी को सत्याग्रह का मंत्र: सिद्धार्थ सिहाग
कलक्टर ने किया निबंध प्रतियोगिता में विजेता बच्चियों को पुरस्कृत
विनय एक्सप्रेस समाचार, चूरू। भारत के आजादी आंदोलन इतिहास में महिलाओं का योगदान अद्भुत, अप्रतिम और उल्लेखनीय है। आजादी आंदोलन के इतिहास को देखें तो महसूस होगा कि उस जमाने में भी महिलाएं घर से निकली और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ीं। स्वदेशी आंदोलन, शराबबंदी और विदेशी वस्तुओं की होली जलाने का आंदोलन महिलाओं के बूते ही कामयाब रहा। आजादी आंदोलन में गांधी के सत्याग्रह को देखें तो गांधी खुद स्वीकार करते हैं कि उन्हें सत्याग्रह की पहली सीख कस्तूरबा से ही मिली।
उक्त विचार जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने स्वतंत्रता के पचहतर वर्ष कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से स्थानीय कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी कस्तूरबा गांधी की जयंती पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए व्यक्त किए। कलक्टर सिहाग ने कहा कि किसी भी स्वस्थ समाज में बराबर की भागीदारी ही रीढ़ होती है और समय को समझते हुए आज भी हमें बच्चियों, महिलाओं को बराबरी में खड़े होने के अवसर देने होंगे और उनकी प्रतिभा को स्वीकार करना होगा।
इस अवसर पर ‘कस्तूरबा गांधी का जीवन’ विषयक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पुष्पा मेघवाल पुत्री मोहरसिंह, द्वितीय ममता पुत्री भंवरलाल एवं तृतीय स्थान मुकेश भामी पुत्री महेंद्र भामी ने प्राप्त किया। जिला कलक्टर ने इन विजेता बच्चियों को पुरस्कृत किया। स्वतंत्रता सेनानी कस्तूरबा गांधी के चित्र के समक्ष पुष्पाजंलि से शुरू हुए संक्षिप्त कार्यक्रम में जिला कलक्टर ने बच्चियों को लड्डू वितरित किए और कहा कि वे आजादी के नायको के जीवन से यही मिठास, प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के चूरू उपखंड संयोजक रियाजत अली खान ने स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक विमला देवी बुडानिया, सुनीता, तनुजा, अनीता, कृष्णा पचार, सुखेश, अंजीला, शबनम, विनोद एवं अहिंसा प्रकोष्ठ सहायक घनश्यामसिंह राठौड़, समाजसेवी नरेंद्र सैनी आदि भी उपस्थित रहे। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक डॉ. दुलाराम सहारण ने धन्यवाद व्यक्त किया। संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।