विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि कोरोना पाॅजिटिव रोगी वाले क्षेत्र में माइक्रो लेवल कंटेनमेंट जोन का निर्धारण जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक कोरोना पॉजिटिव के घर को ही कंटेनमेंट जोन माना जा रहा है। वहीं अब कोरोना पॉजिटिव आने की स्थिति में उस क्षेत्र में 25 से 50 घरों तक कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।
मेहता ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कोविड-19 के संबंध में जारी नई गाईड लाइन के मुताबिक सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पाॅजिटिव रोगियों की संख्या में कमी आई है और मृत्यु दर मेें भी कमी आई है, उसे बनाए रखने के लिए प्रशासनिक एवं चिकित्सक समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में लोग घर में ही रहे, यह सुनिश्चित करवाया जाए। एरिया मजिस्ट्रेट और बीट काॅनिस्टेबल इसकी कड़ाई से पालना करवाएं। नई गाइड लाइन के अनुसार बीट काॅनिस्टेबल की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन पर नजर रखने के लिए एरिया मजिस्ट्रेट व संबंधित क्षेत्र के थानाधिकारी भ्रमण करें।
मेहता ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन तय कर, सार्वजनिक निर्माण विभाग को सूची दे ताकि आवश्यकतानुसार बल्लियां लगाई जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पाॅजिटिव आने वाले रोगियों के घरों पर कोविड-19 का नोटिस शत प्रतिशत चस्पा करवाना भी सुनिश्चित किया जाए। नोडल अधिकारी नोटिस चस्पा का भौतिक सत्यापन कर, रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्र में बल्लियां लगाने की व्यवस्था करेंगे।
जिला कलक्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्र में जागरूकता की वजह से कोविड-19 रोगियों में कमी आई है, जिसे बनाया रखना हैं। बीकानेर शहर में जांच के सैम्पल की संख्या प्रतिदिन लगभग 1500 की जाएं तथा ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन 400 से 500 जांच के लिए सैम्पल लिए जाएं। उन्होनें निर्देश दिए कि प्रत्येक बीसीएमओ को 50 से 60 सैम्पल लेने का लक्ष्य दिया जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन से कोविड-19 जांच के सैम्पल संग्रहण की व्यवस्था की जाए। घर-घर सर्वे कर, ओक्सोमीटर से स्वास्थ्य कर्मी आमजन की जांच करेंगे, इसका प्रबंध किया जाए।
मेहता ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार कंटेनमेंट जोन 31 दिसम्बर तक रहेगा। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन का प्रभावी सीमांकन, संक्रमण के ट्रांसमिशन की श्रृखंला को तोड़ने और वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधिया ही अनुमत होगी तथा आवश्यकतानुसार सघन सम्पर्क ट्रेंसिंग, घर-घर निगरानी और आवश्यकतानुसार अन्य चिकित्सकीय गतिविधियां अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो कोविड पाॅजिटिव पाये गये हैं, उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सूची बनाई जाकर उनकी ट्रैकिंग, 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाये।
मेहता ने निर्देश दिए कि कोविड से ग्रसित रोगियों का इलाज सुविधा स्थलों पर व उनके घरों में गाईडलाईन की पालना करते हुए तुरन्त आईसोलेट किया जाए। चिकित्सा विभाग हर दिन सभी सकारात्मक मामलों की सूची संबंधित थानाधिकारी के साथ बीट कांस्टेबल द्वारा निगरानी प्रयोजन हेतु साझा करेंगे। बीट कांस्टेबल सकारात्मक मामलों की निगरानी के लिए ’राज कोवडिइनफो ऐप डाउनलोड करेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि मरीज घर में ही रहता है और मरीज के फोन में भी यह एप डाउनलोड करायेगा।
नाइट कर्फ्यू को कड़ाई से लागू करवाएं– जिला कलक्टर ने बैठक में शादियों में भीड-भाड़ के संबंध में नियुक्त मजिस्ट्रेट से जानकारी ली और कहा कि सभी मजिस्ट्रेट नियमों की अवहेलना पर संबंधित थानाधिकारी का साथ लेकर चालान काटेंगे। उन्होंने अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक से कहा कि रात सात बजे नाइट कर्फ्यू की पालना करवाने के लिए मार्केट को बंद करवाना सुनिश्चित करें। निर्धारित समय के बाद अगर बेवजह कोई बाहर घूमता मिले या फिर दुकान खुली मिले तो संबंधित का चालान कटवाना सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय के बाद नाइट कर्फ्यू की पालना होनी ही चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुनीता चौधरी, सहायक कलक्टर (प्रशिक्षु आईएएस) कनिष्क कटारिया, सचिव यूआईटी मेघराज सिंह मीना, रजिस्ट्रार मुद्रांक एवं स्टाम्प ऋषिबाला श्रीमाली, मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ.एसएस राठौड़, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल डाॅ. परमेन्द्र सिरोही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.एल.मीना, डाॅ.संजय कोचर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।