वरिष्ठ कवि- संस्कृतिकर्मी चन्द्रशेखर जोशी के अमृतकाल महोत्सव के प्रारंभ के अवसर पर हुआ नागरिक अभिनंदन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। वरिष्ठ कवि- संस्कृतिकर्मी चन्द्रशेखर जोशी के अमृतकाल के प्रारंभ में उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। पांच संस्थाओं सखा संगम, मुक्ति संस्था, शब्दरंग, ब्रह्म बगीचा प्रन्यास, साझी विरासत, सप्तश श्रषि मंडल एवं जिला तैराकी संगम के संयुक्त तत्वावधान चन्द्रशेखर जोशी के नागरिक अभिनंदन समारोह के मुख्य अतिथि व्यंगकार-सम्पादक डाॅ.अजय जोशी थे, समारोह की अध्यक्षता सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा ने की तथा विशिष्ट अतिथि शहर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष एडवोकेट हीरालाल हर्ष रहे।
समारोह के प्रारंभ में शिक्षाविद भगवानदास पडिहार ने स्वागत उद्बोधन दिया। सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व न्यासी खूमराज पंवार ने चन्द्रशेखर जोशी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।अभिनंदन पत्र का वाचन साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय जोशी ने कहा कि अमृतकाल का प्रारंभ चुनौतीपूर्ण होता है, जोशी ने कहा कि
वरिष्ठ कवि-संस्कृतिकर्मी चन्द्रशेखर जोशी साहित्य के साथ ही संस्कृत भाषा और ज्योतिष शास्त्र के भी विद्वान है।
अभिनंदन समारोह की अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए एन.डी.रंगा ने कहा कि सखा संगम के संस्थापक चन्द्रशेखर रिश्तों की नयी इबादत लिखने वाले सखाओं में प्रिय एवं सभी को एकसूत्र में पिरो लेने का सूत्र जानते है।
विशिष्ट अतिथि एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने कहा कि चन्द्रशेखर जोशी जी ने शहर में सखा संगम के माध्यम से सकारात्मक आंदोलन की नींव रखी है, हर्ष ने कहा कि वह सदैव सकारात्मक सोचते हैं, सकारात्मक कर्म करते हैं एवं सभी को साथ लेकर चलने का हुनर जानते हैं ।
अतिथियों ने चन्द्रशेखर जोशी को अभिनंदन पत्र, शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न भेंट कर नागरिक अभिनंदन किया। इस अवसर पर चन्द्रशेखर जोशी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में काव्यपाठ किया।
अभिनंदन समारोह का संचालन कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने किया।

अमृतकाल महोत्सव के प्रारंभ में

शहर के अनेक गणमान्य महानुभव पूर्व छात्र नेता श्याम जोशी, गोविंद नारायण व्यास, नागेश्वर जोशी, कवि जुगल पुरोहित, बृज गोपाल जोशी, सोहनलाल जोशी ,जनमेजय व्यास, रामेश्वर प्रसाद जोशी, युवा शिक्षाविद सुभाष जोशी,डिजाइनर गौरीशंकर आचार्य सहित अनेक महानुभाओं ने माल्यार्पण कर बधाई और शुभकामनाएं दी ।