विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर नगर के 535वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राव बीकाजी संस्थान और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में जुबिली नागरी भंडार में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम संयोजक तथा वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने विषय परिवर्तन करते हुए 535 वर्ष के युवा होते बीकानेर की तरुणाई के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बीकानेर का युवा समय के साथ आगे बढ़ रहा है। यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर के नागरिक सहृदय, संतोषी, सुसंस्कृत और सहनशील हैं। इसी कारण यहां का सांप्रदायिक सद्भाव गहराई तक बसा है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कवि-आलोचक सरल विशारद ने की। उन्होंने कहा कि बीकानेर का सांप्रदायिक सौहार्द पूरे देश के लिए विशेष है जहां सभी धर्म और जातियों के लोग मिल-बैठकर तीज त्यौहार मनाते हैं तथा एक दूसरे के सुख-दुख के भागीदार बनते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करते हुए बीकानेर के विकास में प्रभावी योगदान दे।
मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए इतिहासकार प्रोफेसर डॉ. अनिला पुरोहित ने कहा कि बीकानेर शहर लगातार विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। इस दौरान परंपराओं के संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय कार्य हुए हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए हाजी फरमान अली ने कहा कि बीकानेर की गंगा जमुनी संस्कृति देश भर में विख्यात है। बीकानेर ने देश और दुनिया को अनेक रत्न दिए हैं, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में बीकानेर को विशेष पहचान दिलाई है।
मुख्य वक्ता के रूप में पत्र वाचन करते हुए कवियत्री-आलोचक डाॅ.रेणुका व्यास ने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द बीकानेर की निजी पहचान है। यह हमारे अस्तित्व का आधार है। इसे खोना हम अफोर्ड नहीं कर सकते। हमें यह भी याद रखना होगा कि कट्टरता सदैव नुकीले पत्थरों जैसी होती है। नुकीले उसे सम नापतोल में लाना होता है। यह सम नाप तोल ही आपसी समझ है। यही साम्प्रदायिक सद्भाव है, सहिष्णुता है।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने बीकानेर को कला धर्मी शहर बताया और कहा कि कला और संस्कृति को जीवंत रखना बीकानेर की तासीर है। उन्होंने कहा कि यहां की होली और गणगौर जैसे त्यौहार इस परंपरा को और अधिक समृद्ध करते हैं। रंगकर्मी-पत्रकार -साहित्यकार मधु आचार्य “आशावादी”, डाॅ.अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार, कमल रंगा , अविनाश व्यास, एडवोकेट महेंद्र जैन, अब्दुल शकूर सिसोदिया,जुगल पुरोहित ने संवाद स्थापित किया।
कार्यक्रम में जाकिर अदीब, एन.डी.रंगा, चंद्रशेखर जोशी, प्रोफेसर राजेन्द्र पुरोहित, गायक अली-गनी ,मुकेश पोपली ,राजशेखर पुरोहित, गौरीशंकर प्रजापत, शिवशंकर व्यास, योगेंद्र पुरोहित, प्रेम नारायण व्यास, बी.एल.नवीन, विपल्व व्यास, योगेश व्यास सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
संगोष्ठी सह संयोजक आत्माराम भाटी ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।